अपने दो दिन के दौरे पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी जर्मनी पहुंचे हुए हैं। जहां बुधवार को उन्होंने हैमबर्ग के बुसेरियस समय स्कूल में छात्रों को संबोधित किया था। अपने भाषण के दौरान उन्होंने आतंकवादी संगठन आईएसआईएस को जायज ठहराने की कोशिश की थी। उन्होंने मोदी सरकार को हर पक्ष पर घेरने और उसपर हमला करने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा था कि वर्तमान सरकार लोगों को एक विजन नहीं दे पा रही है। उनके इस बयान पर काफी बवाल हुआ था। बीजेपी ने उनके बयान पर कड़ी आपत्ति दर्ज करते हुए उनसे सफाई मांगी थी।
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने राहुल पर पलटवार करते हुए उन्हें देश को अंतर्राष्ट्रीय समंच पर तुच्छ तरीके से पेश करने की वजह से सफाई मांगी थी। इसके अलावा महिलाओं पर दिए बयान की वजह से महिलाओं से माफी मांगने की बात कही थी। हालांकि विरोध के बावजूद राहुल के तेवर फीके पड़ते हुए नजर नहीं आ रहे हैं। उन्होंने आज बर्लिन में इंडियन ओवरसीज कांग्रेस को संबोधित किया। अपने भाषण में उन्होंने बेरोजगारी का मुद्दा उठाया। साथ ही बीजेपी और आरएसएस को देश में नफरत फैलाने और बांटने का आरोप लगाया।
अपने संबोधन में राहुल ने कहा, आज हिंदुस्तान में जो सरकार है वह दूसरे तरीके से काम करती है। हमारी प्रतियोगिता चीन से है। या रोजगार उधर जाएगा या फिर हिंदुस्तान आएगा और बीजेपी के लोग, आरएसएस के लोग हमारे ही देश को बांटने में लगे हुए हैं। हमारे ही देश में नफरत फैलाते हैं। हमारा काम लोगों को एक साथ लाने का है और देश को एक साथ बढ़ाने का है। यह काम हमने करके दिखाया है।
राहुल ने आगे कहा, जब भी मेरा भाषण होता है मैं उदाहरण देता हूं। हिंदुस्तान में करोड़ों युवा हैं। चीन की सरकार हर 24 घंटे में 50 हजार युवाओं को रोजगार देती है। हर 24 घंटे 50 हजार नए युवाओं को रोजगार मिलता है। हिंदुस्तान की सरकार 24 घंटे में केवल 450 युवाओं को रोजगार दे पाती है। लंबे भाषण होते हैं। नफरत फैलाई जाती है मगर किसान आत्महत्या करते हैं। युवाओं को रास्ता नहीं दिखाई देता है तो हम चाहते हैं कि हिंदुस्तान आगे बढ़े, एकसाथ आगे बढ़े।