रूस ने फिनलैंड और स्वीडन को सीधेतौर पर धमकी दी है कि अगर वो नाटो का सदस्य बनते हैं तो इस कदम से यूरोप में अस्थिरता का खतरा बढ़ जाएगा। रूस ने कड़े शब्दों में इन दोनों देशों को ऐसा कोई भी कदम न उठाने की सख्त चेतावनी दी है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्काव का कहना है कि यदि ऐसा कोई भी कदम उठाया गया तो ये इन दोनों देशों को संघर्ष की राह पर ला सकता है। बता दें कि कुछ समय पहले ही इन दोनों देशों की तरफ से नाटो की सदस्यता लेने के संबंध में एक बयान आया था।
वहीं यूक्रेन पहले से ही इस मुद्दे पर एक युद्ध की विभिषिका को झेलने को मजबूर है। रूस की तरफ से ये बयान ऐसे समय में दिया गया है जब अमेरिका ने यूक्रेन पर रूस के हमले को एक बड़ी रणनीतिक भूल करार दिया है। अमेरिका का कहना है कि रूस की इस भूल ने नाटो के विस्तार को मौका दे दिया है।
इसी वर्ष जून में नाटो का एक सम्मेलन मैड्रिड में होना है। इस सम्मेलन से पहले ही नाटो प्रमुख स्टोल्नटेनबर्ग के एक बयान ने फिर से राजनीतिक और रणनीतिक स्तर पर पारा बढ़ाने का काम किया है। स्टोल्नटेनबर्ग का कहना है कि यदि ये दोनों देश नाटो में शामिल होना चाहिए तो इस ऐसा संभव हो सकता है। उनके मुताबिक यदि वो ऐसा चाहते हैं तो इसकी प्रक्रिया को भी जल्द ही पूरा भी किया जा सकता है। माना ये भी जा रहा है कि नाटो के इस बयान पर दोनों देश जल्द ही कोई फैसला भी ले सकते हैं।
आपको यहां पर ये भी बता दें कि यूक्रेन और रूस की जंग के बीच नाटो सबसे बड़ी वजह बना था। ये जंग दूसरे माह भी जारी है और इसकी वजह से 40 लाख से अधिक लोगों को शरणार्थियों का जीवन बिताने पर मजबूर होना पड़ रहा है। वहीं इस जंग का असर केवल यहीं तक सीमित नहीं रहा है बल्कि इसकी वजह से समूचे विश्व में तेल और गैस के दामों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है। इसके अलावा इसकी वजह से यूक्रेन के पड़ोसी देशों में खाद्य पदार्थों की कमी भी हो गई है।
ऐसे में अगर फिनलैंड और स्वीडन नाटो की सदस्यता को लेकर आगे कदम बढ़ाते हैं तो रूस उनके साथ ही यही व्यवहार कर सकता है जैसा यूक्रेन के साथ किया है। हालांकि, अब यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने कहा है कि वो नाटो की सदस्यता के मुद्दे को ठंडे बस्ते में डाल चुके हैं। उनके इस बयान का अर्थ साफ है कि वो नाटों के साथ नहीं जा रहे हैं। बावजूद इसके रूस की तरफ से छेड़ी गई जंग का फिलहाल अंत नहीं हुआ है। इस बीच दोनों देशों के बीच कई दौर की बातचीज भी हो चुकी है।
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