प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बातचीत करेंगे। पीएम मोदी इन दोनों नेताओं से युद्ध को लेकर पहले भी बात कर चुके हैं। 24 फरवरी को रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध छिड़ने के बाद 26 फरवरी को पीएम मोदी ने पहली बार जेलेंस्की से बात की थी। संयुक्त राष्ट्र में रूस के खिलाफ मतदान में भारत के भाग लेने के बाद जेलेंस्की और मोदी की बातचीत हुई। जेलेंस्की ने इस दौरान भारत के राजनीतिक समर्थन की मांग की थी। मालूम हो कि रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध का आज 12वां दिन है।
युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए केंद्र सरकार ने ऑपरेशन गंगा चलाया है। इसे लेकर भारतीय नागरिकों के बाहर निकलने के लिए सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित करने की खातिर पहले ही यूक्रेन से संपर्क हो चुका है। विदेश मंत्रालय ने भी युद्धविराम की अपील की है, जिसे रूस ने चुनिंदा रूप से लागू किया है।
रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत का रुख अहम है। भारत ने यूक्रेन के नागरिकों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है और यूक्रेन को मानवीय सहायता भेजी है, लेकिन संयुक्त राष्ट्र में रूस के खिलाफ प्रस्तावों से परहेज किया है। यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की के भारत से राजनीतिक समर्थन की मांग पर पीएम मोदी ने शांति प्रयासों की दिशा में किसी भी तरह का योगदान करने की बात कही। मोदी ने युद्ध पर गहरी पीड़ा जाहिर की और हिंसा की तत्काल समाप्ति के लिए अपील की।
युद्ध छिड़ने के बाद से पीएम मोदी ने निकासी अभियान की प्रगति और रूस-यूक्रेन संकट की स्थिति की समीक्षा के लिए हाई-लेवल ऑफिसर्स के साथ कई बैठकें कीं। पिछले एक हफ्ते में ऑपरेशन गंगा के तहत 10,000 से अधिक भारतीय छात्रों को यूक्रेन से निकाला गया है। खार्किव और सूमी को छोड़कर यूक्रेन के शेष क्षेत्रों से लगभग सभी भारतीयों को निकाल लिया गया है।