अफगानिस्तान में तालिबान लगातार नए नियम जारी करता जा रहा है। खबर है कि इस बार तालिबान ने सरकारी कर्मचारियों को विशेष निर्देश दिए हैं। इसके तहत बगैर दाढ़ी के दफ्तर पहुंचने पर नौकरी भी खतरे में पड़ सकती है। हाल ही में तालिबान, लड़कियों के लिए स्कूल नहीं खोलने के चलते दुनिया के निशाने पर आ गया है। यूरोपीय संघ ने लड़कियों की शिक्षा पर पाबंदी के फैसले की निंदा की है।
रॉयटर्स की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि तालिबान के अधिकारियों ने सोमवार को सरकारी दफ्तरों की निगरानी की। इस दौरान यह देखा जा रहा था कि कर्मचारी नए नियमों का पालन कर रहे हैं या नहीं। नए नियमों के तहत कर्मचारियों को दाढ़ी नहीं कटाने और स्थानी कपड़े पहनने के निर्देश दिए गए हैं। सूत्रों ने जानकारी दी कि कर्मचारियों को सही समय पर इबादत सुनिश्चित करने के लिए भी कहा गया है।
सूत्रों ने बताया कि कर्मचारियों से कहा गया है कि अगर वे अब से ड्रेस कोड का पालन नहीं करेंगे, तो उन्हें दफ्तर में प्रवेश नहीं मिलेगा और निकाल दिया जाएगा। हालांकि, इसपर तालिबान की तरफ से अधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
बीते हफ्ते ही तालिबान ने बगैर पुरुष के महिलाओं के हवाई यात्रा करने पर पाबंदी लगा दी थी। साथ ही समूह लड़कियों के लिए स्कूल खोलने के वादे से भी मुकर गया। रविवार को तालिबान ने लिंग के आधार पर बगीचों में प्रवेश के संबंध में नियम जारी किए। इनके तहत महिलाएं सप्ताह में तीन और पुरुष अन्य चार दिनों में पार्क जा सकेंगे। खास बात है कि दंपतियों और परिवारों को भी साथ पार्क में जाने की अनुमति नहीं है।
इधर, अफगानिस्तान के नागरिकों पर कड़े नियम लागू करने पर तालिबान को पश्चिम की सरकारों की आलोचनाओं का शिकार होना पड़ रहा है। तालिबान का कहना है कि वे इस्लाम के कानून और अफगान रीति-रिवाजों के हिसाब से सभी के अधिकारों का सम्मान करेंगे। समूह का कहना है कि वे 1996-2001 यानि पिछले शासन से अब बदल गए हैं। उस दौरान बगैर पुरुष के महिलाओं के घर से निकलने पर पाबंदी लगा दी गई थी और पुरुषों को दाढ़ी बढ़ाने पर मजबूर किया गया था।