यूक्रेन और रूस के बीच जंग थमने की बजाय अब और तेज होती दिख रही है। रूस ने यूक्रेन पर आरोप लगया है कि उसने उसके देश में घुसकर हमला किया है। रूस का आरोप है कि यूक्रेन ने उसकी सीमा के 25 मील अंदर तक आकर तेल डिपो पर अटैक किया है। रूस का यह दावा ऐसे समय में आया है, जब एक्सपर्ट्स ने कुछ दिन पहले ही कहा था कि वह खुद अपने इलाकों पर कुछ अटैक दिखावे के लिए करा सकता है और यूक्रेन पर आरोप मढ़ सकता है। रूसी अधिकारी याकेस्लाव ग्लाडकोव ने कहा कि यूक्रेन के दो सैन्य हेलिकॉप्टरों के जरिए यह अटैक किया गया है।
रूस ने कहा कि उसके बेलगोरोद शहर में दो यूक्रेनी हेलिकॉप्टर घुस आए और उन्होंने S-8 रॉकेट्स के जरिए अटैक किया। रूस का दावा यदि सही है तो दूसरे विश्व युद्ध के बाद यह पहला मौका है, जब रूस में किसी देश ने एयरस्ट्राइक की है। यूक्रेन ने जिस तेल डिपो पर अटैक किया है, उसका संचालन रूस की सरकारी कंपनी रोजनेफ्ट करती है। इस अटैक में कंपनी के दो वर्कर घायल हुए हैं। इसके अलावा आसपास के काफी लोगों को वहां से निकाला गया है ताकि जानमाल के नुकसान को कम किया जा सके। इस हमले का वीडियो सोशल मीडिया पर भी शेयर किया गया है।
यूक्रेन ने अब तक रूस के इस दावे को लेकर कोई रिएक्शन नहीं दिया है। हालांकि रूस के दावे पर पश्चिमी देश सवाल उठा रहे हैं। दरअसल बीते सप्ताह देश से निर्वासन झेल रहे रूसी राजनेता ने दावा किया था कि पुतिन सरकार खुद ही रूस के कुछ शहरों में हमले करा सकती है। इसके जरिए वह यह संदेश देने का प्रयास करेगी कि यूक्रेन ने आक्रामकता दिखाते हुए उसके इलाके में हमला किया है और ऐसे में उसका यूक्रेन पर अटैक करना गलत नहीं है। इलिया पोनोमारेव ने दावा किया था कि रूस अपनी ही केमिकल और वेपन फैक्ट्रियों में अटैक कर सकता है। इसमें नागरिकों की भी मौत हो सकती है।
यूक्रेन ने रूस की सेनाओं से दो इलाकों का कब्जा छुड़ाने की बात कही है। यूक्रेन का कहना है कि उसने रणनीतिक तौर पर अहम स्लोबोडा और लुकाशिवका गांवों पर कब्जा जमा लिया है। ये गांव रणनीतिक रूप से अहम हैं और सप्लाई रूट के बीच में पड़ते हैं। वहीं रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बेलारूस के जरिए यूक्रेन में सैनिकों को भेजना तेज कर दिया है। इसके अलावा रूस का मुख्य फोकस डोनबास इलाके पर कब्जा जमाने पर है। इसी के चलते माना जा रहा है कि रूस की कोशिश यूक्रेन को कोरिया की तरह दो टुकड़ों में बांटने पर है।