इराक की राजधानी बगदाद में हालत बेहद खराब हैं। यहां पर एक अस्पताल में सिर्फ एक दिन में 18 लोग मृत घोषित किए गए हैं। विरोध प्रदर्शन के दौरान सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने कई प्रांतीय सरकारी भवनों और प्रमुख राजनीतिक दलों के कार्यालयों पर हमला किया और आग के हवाले कर दिया। वहीं, इराक के फायरब्रांड मौलाना मक्तदा सद्र ने सरकार का इस्तीफा मांगा है।
इराक भयानक खूनखराबे के दौर से गुजर रहा है। यहां बेरोजगारी, सरकारी भ्रष्टाचार और बुनियादी सेवाओं की कमी को लेकर लोग सड़कों पर उतर आए हैं। वहीं, इराक में काफी हिंसा सामने आ रही है। इराक में हिंसक विरोध प्रदर्शन में अब तक मरने वालों की संख्या बढ़कर 60 हो गई है, जबकि 1600 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं।
इराक की अर्थव्यवस्था इस साल की शुरुआत से ही गड़बड़ाई हुई है, यही कारण है कि विरोधी पार्टियां, कई संगठन और आम लोग सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है। इराक चौथा सबसे बड़ा देश है जिसके पास तेल का बड़ा रिजर्व है। फिर भी इस देश की 40 मिलियन आबादी गरीबी रेखा से नीचे है, जिसकी वजह से रोजगारी का संकट बढ़ता जा रहा है।