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ओमिक्रोन को लेकर WHO की चेतावनी, कहा- इसे हल्के में लेने की न करें भूल

डेस्क |

दुनिया भर में इन दिनों कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन ने कहर मचा रखा है। इसको लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चिंता जाहिर की है। WHO ने गुरुवार को कहा कि 27 दिसंबर से 2 जनवरी 2022 के सप्ताह के दौरान दुनियाभर में कोरोना के 9.5 मिलिय नए मामले दर्ज हुए हैं। ओमिक्रोन की इस सुनामी की वजह से दुनियाभर की स्वास्थ्य प्रणाली पर बुरा असर पड़ा है।

WHO ने कहा कि 27 दिसंबर 2021 से 2 जनवरी 2022 के हफ्ते के दौरान अक्टूबर के बाद संक्रमण के नए मामलों की वैश्विक संख्या में उससे पिछले हफ्ते की तुलना में तेजी से 71 फीसदी तक की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई।

WHO के महानिदेशक टेड्रस अधानम घेब्रेयेसस ने यहां गुरुवार को एक प्रेस वार्ता में कहा कि कोरोना वायरस का नया वैरिएंट ओमिक्रोन, इससे पहले के वैरिएंट डेल्टा के मुकाबले भले ही कम गंभीर प्रतीत हो रहा हो, लेकिन इसका यह मतलब कतई नहीं है कि इसे ‘हल्के’ में लिया जाए। द‍ुनियाभर में बड़ी संख्‍या में लोग तेजी से इसकी चपेट में आ रहे हैं और अस्‍पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्‍या भी बढ़ रही है। यहां तक कि लोगों की जान भी जा रही है।

WHO चीफ ने वैश्विक स्‍तर पर कोविड रोधी वैक्सीनेशन के लक्ष्‍य से पिछड़ने को लेकर भी चिंता जताई। उन्‍होंने कहा कि दिसंबर 2021 तक सभी देशों में कम से कम 40 फीसदी आबादी के वैक्‍सीनेशन का लक्ष्‍य निर्धारित किया गया था, लेकिन WHO के 194 सदस्‍य देशों में से 92 देश इस लक्ष्‍य को हासिल करने से चूक गए। इनमें 36 ऐसे भी देश हैं, जो अपनी 10 फीसदी आबादी को वैक्‍सीन का पहला डोज तक नहीं दे पाए हैं, क्‍योंकि वैक्‍सीन तक उनकी पहुंच नहीं है।

उन्‍होंने इसके लिए विकसित देशों द्वारा कोविड रोधी वैक्‍सीन की जमाखोरी को जिम्‍मेदार ठहराया और कहा कि 2022 के मध्‍य तक वैश्विक स्‍तर पर 70 फीसदी आबादी के वैक्‍सीनेशन का लक्ष्‍य निर्धारित किया गया है, जिसे पूरा करने की जरूरत है।