जोगिंदरनगर: व्यापार मंडल जोगिन्दरनगर ने अपनी मांगों को लेकर एक घंटे बाजार बंद रखा. सभी व्यापारी सुबह ऋतु रंग मंच में इकठ्ठा हुए और बाज़ार से गुजरते हुए सिविल अस्पताल जोगिन्दरनगर के बाहर धरना प्रदर्शन किया. इसके बाद उपमंडलाधिकारी नागरिक के कार्यालय के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा और मांग की कि जोगिन्दरनगर शहर का व्यापार बढ़े इस लिए प्रदेश सरकार बड़ा शैक्षणिक संस्थान, औद्योगिक संस्थान आदि शहर में खोलें.
साथ ही यह भी मांग की गयी कि सिविल अस्पताल जोगिंदरनगर लगभग एक लाख लोगों को स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाता है, लेकिन पिछले दिनों से कई डाक्टरों को डेपुटेशन और कुछ का स्थानांतरण कर दिया गया है. जिस कारण आम जनमानस को इलाज करवाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
प्रदेश सरकार से व्यापार मंडल यह मांग करता है कि डाक्टरों के खाली पदों को जल्द भरा जाए और जोगिन्दरनगर अस्पताल में ट्रामा सेंटर, ब्लड बैंक, एम.आर.आई की सुविधा, ऑक्सीजन गैस प्लांट की सुविधा शुरू की जाए. यह भी व्यापारियों की ओर से मांग की गयी कि राष्ट्रीय उच्च मार्ग जो शहर के साथ होकर गुजरने वाला है, उसकी अलाइनमेंट को एन.एच.ए.आई न बदले.
यह राष्ट्रीय उच्च मार्ग शहर की सीमा के साथ होकर पहले की तरह गुजरे नहीं तो शहर का व्यापार प्रभावित होगा. एन.एच.ए.आई से यह भी मांग की गई कि राष्ट्रीय उच्च मार्ग 154 जो शहर के बीचों बीच गुजरता है, उसकी ऊंचाई कम की जाए क्यों कि लगातार हो रही टायरिंग के कारण सड़क का लेवल दुकानों से ऊपर चला गया है. जिसकी वजह से बारिश का पानी दुकानों में आ जाता है और दुकान में रखे सामान का नुकसान होता है.
इसी प्रकार लोकनिर्माण विभाग से भी यह मांग की गई कि बस स्टैंड से लेकर रेलवे फाटक तक बरसात के दिनों में सड़क किनारे पानी की नालियों से सही निकासी न होने के कारण पानी रुक कर दूकानों में आ जाता है. इसलिए विभाग पानी की सही निकासी सुनिश्चित करे. यह भी मांग की गयी कि मच्छयाल रोड से जिन 14 दुकानदारों को विस्थापित कर पुराने मेला ग्राउंड में बिठाया जा रहा है.
उनका कार्य रेहड़ी में हो पाना संभव नहीं है. इसलिए उनके लिए स्थायी दुकानों का निर्माण उस स्थान पर किया जाए. इसी प्रकार प्रदेश सरकार एनएसी मार्केट और राष्ट्रीय उच्च मार्ग के किनारे पर बनी खोखा मार्केट को भी नवनिर्मित करवायें. इस सांकेतिक बंद में सभी मांगों को लेकर सभी व्यापारियों ने पूरा सहयोग दिया और प्रदेश की सरकार से मांग की है कि इन विभिन्न मांगों पर गंभीरता से विचार कर इनका जल्द हल किया जाए.