मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना से पेट्रोल पंप, इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन, एंबुलेंस सेवा और रेशम प्रसंस्करण इकाइयां खुल सकेंगी. इनके अलावा डेयरी, कृषि आधारित पर्यटन, कृषि उपकरण निर्माण, सब्जी नर्सरी जैसे व्यवसाय के लिए भी वित्तीय मदद दी जा रही है. उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ने कहा कि इस योजना से रोजगार के क्षेत्र में आगे बढ़ रहीं महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ा है.
योजना से एक करोड़ रुपये तक की परियोजनाओं के लिए जहां पुरुषों को 25 प्रतिशत का निवेश उपदान देते हैं. महिलाओं के लिए यह दर 35 प्रतिशत है. योजना के अंतर्गत 5 प्रतिशत की दर से तीन वर्षों तक ब्याज उपदान दे रहे हैं. इस योजना के लिए 18 से 45 वर्ष आयु वर्ग के पुरुष और 18 से 50 वर्ष आयु वर्ग की महिलाएं पात्र हैं. मंत्री ने कहा कि कुल्लू जिला के भुंतर की सुरूचि भानु इस योजना से जुड़कर आत्मनिर्भर बनी हैं.
2021 में जिम खोलने के लिए लगभग 40 लाख रुपये का ऋण स्वीकृत करवाया. आज उनके जिम में 51 युवा शारीरिक फिटनेस ट्रेनिंग ले रहे हैं. इनमें से कुछ युवा पुलिस बल और सेना में भर्ती होने की तैयारियां कर रहे हैं. संजना ने योजना से रेस्तरां शुरू करने के लिए 11.50 लाख रुपये का ऋण लिया. उन्हें साढ़े तीन लाख रुपये का उपदान मिला. आज संजना 80 हजार रुपये प्रतिमाह की आमदनी अर्जित कर रही हैं. उन्होंने 11 लोगों को रोजगार भी दिया है. इस योजना से महिलाओं के हुनर को नई पहचान मिल रही है.
राज्य में अब तक स्थापित की जा चुकी हैं 4377 इकाइयां
उद्योग मंत्री ने कहा कि योजना के अंतर्गत राज्य में अब तक कुल 4,377 इकाइयां स्थापित की जा चुकी हैं और 200 करोड़ रुपये उपदान के रूप में प्रदान किए गए हैं. उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ने कहा कि योजना के अन्तर्गत 1969 महिलाओं को लाभान्वित किया जा चुका है. राज्य में बैंकों द्वारा कुल 6927 आवेदन स्वीकृत किए गए हैं. इस योजना के अंतर्गत कांगड़ा जिले की 273, सोलन जिले की 236, ऊना जिले की 215, मंडी जिले की 209, सिरमौर जिले की 200, हमीरपुर जिले की 194, शिमला जिले की 184, बिलासपुर जिले की 171, कुल्लू जिले की 152, चंबा जिले की 61, किन्नौर जिले की 48 और लाहौल-स्पिति जिले की 26 महिला उद्यमियों को लाभान्वित किया गया है.