मज़दूर संगठन सीटू ने मंडी नगर निगम क्षेत्र कांगनी धार में बन रहे शिवधाम के निर्माण में लगे मज़दूरों को पिछले तीन महीने से वेतन न मिलने पर चिंता व्यक्त की है और जल्दी मज़दूरों को वेतन जारी करने की मांग की है। सीटू के ज़िला अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह और महासचिव राजेश शर्मा ने कहा कि इस कथित मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य एक निजी कंपनी के माध्यम से करवाया जा रहा है और ये कंपनी गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जयशाह की बताई जाती है।शिव धाम मंदिर परिसर के निर्माण के लिए बिहार, उड़ीसा, झाड़खंड इत्यादि राज्यों से कंपनी द्धारा मज़दूर लाये गये हैं लेकिन कंपनी उन्हें वेतन नहीं दे रही है और उनका शोषण किया जा रहा है।
कंपनी द्धारा वेतन नहीं दिये जाने के कारण बहुत से मज़दूर यहां से पलायन करने के लिए मजबूर हैं और बहुतों को तो मंडी शहर के गांधी चौक पर जाकर दैनिक मज़दूरी के लिए भटकना पड़ रहा है।
मज़दूरों की समस्या की भनक लगते ही ज़िला प्रशासन ने उन्हें पिछले कल कुछ राहत सामग्री रेड क्रॉस सोसायटी की ओर से वितरित की है।लेकिन सीटू के ज़िला प्रधान भूपेंद्र सिंह ने कहा कि प्रशासन को कंपनी पर इन मज़दूरों का वेतन जारी करने के लिए निर्देश जारी करने चाहिए.
क्योंकि ये सब मज़दूर हिमाचल सरकार के एक प्रोजेक्ट को बनाने के लिए लगे हैं और मजदूरों को श्रम कानूनों के प्रावधानों के अनुसार हर माह की 7 तारीख़ से पहले उन्हें वेतन जारी करना होता है और मजदूरों के ठहरने की व्यवस्था करना भी कंपनी की जिम्मेवारी है लेकिन ये कंपनी गृह मंत्री के बेटे की होने के कारण उनके ख़िलाफ़ कोई कार्यवाई नहीं कि जा रही है जिसके कारण मज़दूरों को भूखे प्यासे और बिना बिस्तर की व्यवस्था के ही रहना पड़ रहा है।
भूपेंद्र सिंह ने कहा कि ज़िला प्रशासन और श्रम विभाग को इस पर तुरंत संज्ञान लेना चाहिए और मजदूरों का वेतन शीघ्र जारी करवाना चाहिए। उन्होंने प्रशासन की ओर से मज़दूरों को बांटी गई राहत सामग्री को कंपनी की जिम्मेवारी पर पर्दा डालने की कार्यवाई बताया है क्यूंकि मज़दूरों की सारी जिम्मेवारी उसी की है। सीटू के पदाधिकारियों ने बताया कि इस कंपनी द्धारा मज़दूरों को समय पर वेतन न देने के कारण मज़दूर दो तीन महीने के बाद यहां से चले जाते हैं और कंपनी उनकी मज़दूरी हड़प कर लेती है।
मुख्यमंत्री की चहेती कंपनी होने के नाते राज्य सरकार, प्रशासन और श्रम विभाग कोई कार्यवाई नहीं कर रहा हैऔर मज़दूर भूखे पेट और सर्दी के मौसम में बिना विस्तरों के ढिठुरने के लिए विवश हैं।सीटू ने चेतावनी दी है कि अगर जल्दी मज़दूरों को वेतन जारी नहीं किया गया तो वे इसके ख़िलाफ़ धरना प्रदर्शन करेंगे।