हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) के बस कंडक्टर जोगिंद्र ठाकुर ने अपनी लगभग 17 साल की नौकरी के दौरान एक भी छुट्टी नहीं ली है. कंडक्टर जोगिंद्र ठाकुर हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिला के नाहन डिपो में तैनात हैं. 4 जून 2005 को HRTC में भर्ती होने के बाद से लेकर अब तक कंडक्टर जोगिंद्र ठाकुर ने कोई छुट्टी नहीं ली है.
जोगिंद्र ठाकुर कहते है कि HRTC परिचालक बनने से पहले उनको बस दुर्घटना में जीवन दान मिला. 18 नवबंर 2000 को कोटी-धीमान मार्ग पर एक प्राइवेट बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई. इसमें 14 सवारों की मौत हो गई. जोगिंद्र ठाकुर की इस हादसे में जान बच गई. उसी समय जोगिंद्र ने ठान लिया कि वह बस में कंडक्टर लगेंगे और जीवन भर बिना छुट्टी के काम करेंगे.
HRTC के कंडक्टर जोगिंद्र ठाकुर का कहना है कि “मैं अब रिटायर होने के बाद ही छुट्टियां करूंगा” तब तक 365 दिन तक बिना छुट्टी लिए ही काम करूंगा. परिचालक जोगिंद्र की इस तरह की कार्यशैली के सभी मुरीद हैं. जोगिंद्र ठाकुर उन कर्मियों के लिए भी एक सबक हैं जो सरकारी नौकरी आराम से काम करने के लिए ढूंढते हैं. नौकरी लग जाने पर काम से भागते हैं.