12 जून को हिमाचल प्रदेश में विधानसभा बाल सत्र के सफल आयोजन हेतु डिजिटल बाल मेला ने मुख्यमंत्री सुखविंदर को धन्यवाद प्रेषित किया.
मुख्यमंत्री निवास पर डिजिटल बाल सुखविंदर सिंह सुक्खु ने बच्चों की सरकार कैसी हो विचार के बारे में विस्तार से समझा. इस प्रयास को सराहनीय बताया वहीं आज के समय की ज़रूरत भी. मुख्यमंत्री ने सदन में बच्चों के तनाव को दूर करने के लिये उठाये गये विषय को गंभीरता से लेते हुये प्रदेश के विद्यालयों में तुरंत शुरू करने के फ़ैसला लिया.
बाल सत्र के सफल आयोजन हेतु उन्होंने सभी बच्चों को बधाई दी वहीं बच्चों द्वारा सदन में उठाये गये विषयों की गंभीरता को समझा.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सोमवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा में विशेष बाल सत्र का आयोजन किया गया था. डिजिटल बाल मेला द्वारा आयोजित एल.आई.सी प्रायोजित इस सत्र की अध्यक्षता विधानसभा स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया द्वारा की गई. जिसमें देश भर के 68 बच्चों ने बाल मुद्दों पर आवाज़ मुखर की.
इस सत्र में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खु मुख्यतिथि थे. वहीं राज्यसभा उपसभापति हरिवंश विशिष्ठ अतिथि.
बाल श्रम निषेध दिवस पर आयोजित हिमाचल प्रदेश विधानसभा बाल सत्र शिमला में होने वाला पहला ऐसा सत्र था. जिसमें बच्चों ने सदन में विधायी प्रक्रिया का संचालन किया. हिमाचल के प्रमुख कैबिनेट मंत्रियों ने बच्चों द्वारा उठाये गये. मुद्दों को गंभीरता से सुना और ज़ोरदार ठहाकों के साथ इस विशेष सत्र आनंद लिया.
डिजिटल बाल मेला की जान्हवी शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री ने ये भी जाना कि सदन में बच्चों द्वारा उठाए गये विषयों की तैयारी किस तरह करायी गई. बच्चों ने विधायी प्रक्रिया को कैसे समझा. शुरू में बाल विधायकों को अपने ज़िलों और विधानसभा क्षेत्रों की कितनी समझ थी और तैयारी के बाद कितना फ़र्क़ आया.
ग़ौरतलब है कि बच्चों के प्रति हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के स्नेह की वजह से ही डिजिटल बाल मेला इस सफल आयोजन को ऐतिहासिक बनाने में कामयाब हुआ. विधानसभा भवन में हर बच्चे ने सीएम के साथ सेल्फ़ी लेने की इच्छा जतायी और मुख्यमंत्री ने सभी को ये अवसर प्रदान किया.
आपकी जानकारी के लिएअ बता दें कि चार महिने की तैयारी के बाद ये बाल सत्र संपन्न हुआ. जिसमें प्रदेश के सांसदों, मंत्रियों, विधायकों, शिक्षाविदों, कलाकारों, प्रशासनिक अधिकारियों से बच्चों ने विभिन्न विषयों पर संवाद स्थापित किया.
एल आईसी द्वारा प्रायोजित , फ्यूचर सोसायटी द्वारा आयोजित और हिमाचल प्रदेश के शिक्षा विभाग की साझेदारी में 50000 से ज़्यादा बच्चे इस अभियान से लाभान्वित हुए.