जिला कांगड़ा के इेदौरा में चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन पांचवें दिन भी जारी रहा। इस दौरान एनडीआरएफ की टीम ने बोट के माध्यम से बेला इंदौरा के जलमग्न क्षेत्रों से 54 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला।
डीसी कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल ने यह जानकारी देते हुए बताया कि पांच दिन में रेस्क्यू किए गए लोगों की संख्या 2209 पहुंच गई है। उन्होंने बताया कि फतेहपुर उपमंडल में फिलहाल राहत एवं बचाव कार्य पूरा कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि वायुसेना के हेलीकॉप्टर और सेना की टीम को कल वापस भेज दिया गया है तथा अब इंदौरा क्षेत्र में एक एनडीआरएफ की टीम को तैनात है।
उन्होंने बताया कि इंदौरा और फतेहपुर में अब तक 994 लोगों को एयरलिफ्ट और 1005 लोगों को बोट के माध्यम से रेस्क्यू किया गया। वहीं 210 लोगों को ट्रैक्टर और ट्रॉली के माध्यम से रेस्क्यू किया गया। उन्होंने बताया कि इस दौरान इंदौरा से कुल 1787 और फतेहपुर से 422 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
आखिर ढूंढ लिए प्रकाश चन्द
उन्होंने बताया कि फतेहपुर में रेस्क्यू ऑपरेशन के तीसरे दिन देर शाम प्रशासन ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में जलभराव होने के बाद रियाली गांव के प्रकाश चंद तीन दिन से लापता थे। उन्होंने बताया कि उनके पास मोबाइल फोन न होने की वजह से उनसे संपर्क भी नहीं हो पा रहा था।
डीसी ने कहा कि प्रशासन ने स्थानीय राजस्व कर्मियों को उनको खोज निकालने के लिए लगाया। उन्होंने बताया कि इसके बाद डूहग के पटवारी शुभम कालिया और रियाली के पटवारी हरदेव सिंह ने विभिन्न टापू बने क्षेत्रों में प्रकाश चंद का नाम से जोर-जोर से पुकारते हुए उन्हें ढूंढना प्रारंभ किया।
जिलाधीश ने बताया कि अपने नाम की पुकार सुनकर कल शाम रियाली गांव के एक टापू से प्रकाश चंद ने तुरंत प्रतिक्रिया दी।
जिसके बाद एनडीआरएफ की टीम को तुरंत मौके के लिए रवाना किया गया। उन्होंने बताया कि चार घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद उन्हें सुरक्षित बाहर निकाला गया तथा उनकी मेडिकल जांच करवाई गई। उपायुक्त ने कहा कि आपदा में फंसा हर व्यक्ति सकुशल बाहर निकालने के लिए प्रशासन प्रतिबद्ध है।