मंडी जिला उपभोक्ता आयोग ने चिकित्सीय लापरवाही का मामला साबित होने पर एक दन्त चिकित्सक को उपभोक्ता के पक्ष में उ6 हजार रूपये अदा करने का फैसला सुनाया है।
आयोग के अध्यक्ष पुरेन्द्र वैद्य तथा सदस्यों मांचली व यशवन्त सिंह ने पंजेठी (तल्याहड) गांव निवासी यादविन्द्र सिंह कटोच पुत्र हुक्म सिंह की शिकायत को स्वीकारते हुए आरोपी चिकित्सक सिद्धार्थ गौतम को शिकायतकर्ता के पक्ष में 21 हजार रूपये छह प्रतिशत ब्याज दर सहित लौटाने के निर्देश दिये हैं।
इसके अलावा चिकित्सक द्वारा गल्त ईलाज करने के कारण उपभोक्ता को पहुंची यंत्रणा और दर्द सहने के कारण आयोग ने शिकायतकर्ता के पक्ष में 10 हजार रूपये का विशेष हर्जाना तथा पांच हजार रूपये शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया है।
फोरम में दायर शिकायत के अनुसार शिकायतकर्ता ने दांत में दर्द होने के कारण चिकित्सक सिद्धार्थ गौतम के मोती बाजार स्थित क्लीनिक में चेक करवाया तो उन्होंने दांत में कैविटी होने के कारण इसका इलाज करने को कहा। ईलाज के लिए चिकित्सक ने उनसे 21 हजार रूपये लिए लेकिन शिकायतकर्ता के दांतों की दर्द समाप्त नहीं हुई।
इतना ही नहीं शिकायतकर्ता ने जब चिकित्सक से फोन पर दर्द संबंधी जानकारी लेनी चाही तो चिकित्सक ने उनके फोन कॉल नहीं सुनी। ऐसे में शिकायतकर्ता ने किसी अन्य चिकिस्तक से अपने दांतों की जांच करवाई तो उन्होंने बताया की इसके लिए आरसीटी करनी जरूरी थी। जिसके बाद उपभोक्ता ने दूसरे चिकित्सक से अपना ईलाज पूरा करवाया।
उपभोक्ता ने चिकित्सक की सेवाओं में कमी की शिकायत उपभोक्ता आयोग में की थी। लेकिन चिकित्सक ने आयोग की कार्यवाई में भाग नहीं लिया। जिसके कारण आयोग ने एकतरफा फैसला सुनाते हुए माना कि चिकित्सक ने सही तरीके से उपभोक्ता के दांतों की समस्या का ईलाज नहीं किया गया था। जिसके कारण आयोग ने चिकित्सक द्वारा वसूली गई राशी ब्याज सहित लौटाने और गल्त ईलाज के कारण उपभोक्ता को पहुंची यंत्रणा के चलते विशेष हर्जाना और शिकायत व्यय भी अदा करने का फैसला सुनाया है।