कृषकों एवं बागवानों की सुविधा के लिए उपयुक्त ऐप और सूचना प्रणाली विकसित करने में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी एप्लीकेशंस के प्रभावी उपयोग पर चर्चा के लिए आज यहां पर्यावरण, विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के निदेशक डी.सी. राणा की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई।
उन्होंने जलवायु परिवर्तन एवं मौसम पूर्वानुमान पर आधारित सामान्य समूह आधारित किसान सूचना प्रणाली विकसित करने पर बल दिया ताकि क्राउड सोर्सिंग के उपयोग से मौसम पूर्वानुमान संबंधी जानकारी एसएमएस और व्हट्स ऐप जैसे माध्यमों से पंचायत स्तर तक पहुंचाई जा सके।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में केन्द्र सरकार द्वारा संचालित मेघदूत जैसी एप्लीकेशन उपयोग में है, जिसके माध्यम से किसानों को उनकी फसलों और सब्जियों इत्यादि के बारे में आवश्यक जानकारी उपलब्ध करवाई जा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भी किसानों के लिए एक अधिक उन्नत जलवायु परिवर्तन परामर्श एप्लीकेशन विकसित करने पर कार्य किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इसके लिए राज्य में एक विषयक कार्य समूह गठित करने का निर्णय लिया गया है। इस समूह में भारतीय मौसम विज्ञान विभाग शिमला के निदेशक, कृषि, बागवानी व डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं गवर्नेंस विभागों के निदेशक, पर्यावरण, विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के चीफ सांईटिफिक ऑफिसर (जलवायु परिवर्तन) तथा प्रदेश कृषि और बागवानी विश्वविद्यालयों के प्रोफेसर एवं वैज्ञानिक शामिल हैं।
यह भी निर्णय लिया गया कि भारतीय मौसम विज्ञान विभाग पंचायत स्तर पर कृषि मौसम संबंधी डाटा संकलन व परामर्श प्रणाली की स्थापना के लिए एक तंत्र विकसित करने की प्रक्रिया आरम्भ करेगा। इससे प्रदेश के कृषि एवं बागवानी समुदायों को लाभ मिल सकेगा।
बैठक में सभी संबंधित विभागों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।