मुख्यमंत्री से मिलने से पहले रोके, फ‍िर हिरासत में लिए प्रदर्शनकारी

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  • नगरोटा सूरियां को नगर पंचायत बनाने और ब्लॉक स्थानांतरण के विरोध में संघर्ष समिति के सदस्यों को पुलिस ने हिरासत में लिया।
  • संघर्ष समिति का आरोप है कि यह कार्रवाई कृषि मंत्री चंद्र कुमार के आदेशों पर की गई।
  • संघर्ष समिति ने चेतावनी दी कि चंद्र कुमार को नगरोटा सूरियां क्षेत्र में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा।

कांगड़ा। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के नगरोटा सूरियां को नगर पंचायत बनाने और ब्लॉक स्थानांतरित करने के विरोध में बने संगठन ‘नगर पंचायत हटाओ, विकास खंड बचाओ संघर्ष समिति’ को मुख्यमंत्री से मिलने नहीं दिया गया। पुलिस ने संघर्ष समिति के पदाधिकारियों और सदस्यों को नगरोटा सूरियां के वन्यप्राणी विभाग के इंटरप्रिटेशन केंद्र से करीब एक किलोमीटर पहले ही हिरासत में ले लिया।

संघर्ष समिति के संयोजक संजय महाजन ने बताया कि समिति के सदस्य शांतिपूर्ण मार्च के माध्यम से मुख्यमंत्री सुक्खू को ज्ञापन सौंपना चाहते थे। लेकिन पुलिस ने उन्हें रास्ते में ही रोककर हिरासत में ले लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कदम कृषि मंत्री चंद्र कुमार के निर्देशों पर उठाया गया है।

संघर्ष समिति ने चेतावनी दी है कि अब कृषि एवं पशुपालन मंत्री चंद्र कुमार को नगरोटा सूरियां क्षेत्र में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। संयोजक ने इसे लोकतंत्र की हत्या बताते हुए कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को रोकना निंदनीय है।

पुलिस का पक्ष लेते हुए डीएसपी जवाली वीरी सिंह ने कहा कि संघर्ष समिति को मुख्यमंत्री से मिलने का कोई समय नहीं दिया गया था, इसलिए उन्हें हिरासत में लिया गया। हालांकि, किस कानून के तहत कार्रवाई की गई, इस पर डीएसपी ने कोई टिप्पणी नहीं की।

संघर्ष समिति के सदस्यों ने हिरासत के बाद ‘संघर्ष समिति जिंदाबाद’ और ‘चंद्र कुमार मुर्दाबाद’ के नारे लगाए। इस अवसर पर कथोली पंचायत प्रधान जीएस बेदी सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री शनिवार को नगरोटा सूरियां के बासा में वन्यप्राणी विभाग के इंटरप्रिटेशन भवन का उद्घाटन करने आए थे। संघर्ष समिति ने उनके दौरे का स्वागत करते हुए नगर पंचायत और ब्लॉक स्थानांतरण के मुद्दे पर अपना विरोध दर्ज करवाने की योजना बनाई थी।