BJP के वरिष्ठ नेता के घर ED को मिली करोड़ों की ज्वेलरी व इतना कैश

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Illegal Cough Syrup Trade:  प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में कड़ी कार्रवाई करते हुए भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता नीतिसैन भाटिया के घर और अन्य ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान 40.62 लाख रुपये नकद और 1.61 करोड़ रुपये की ज्वेलरी जब्त की गई। यह छापा कफ सिरप की अवैध बिक्री से जुड़े काले धन को सफेद करने के आरोपों के तहत मारा गया।

17 घंटे की छापेमारी, करोड़ों की संपत्ति का खुलासा

ED ने 13 फरवरी को जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के कई ठिकानों पर छापा मारा। पानीपत के मॉडल टाउन स्थित नीतिसैन भाटिया के घर पर 17 घंटे तक तलाशी चली, जिसमें भारी मात्रा में नकदी और ज्वेलरी जब्त की गई। टीम ने जांच के दौरान विदेशी शराब और ज्वेलरी के खाली डिब्बे भी बरामद किए। जब्त सामान को तीन बड़े बॉक्स और एक बैग में भरकर ले जाया गया।

भाटिया परिवार पर अवैध दवा कारोबार के आरोप

ED की जांच के अनुसार, नीतिसैन भाटिया के बेटे नीरज और नवीन भाटिया हिमाचल प्रदेश के पांवटा साहिब में फार्मास्यूटिकल कंपनी चलाते थे, जहां से अवैध रूप से कफ सिरप बेचा गया। इसी काले कारोबार से करोड़ों की संपत्ति खड़ी की गई। अगस्त 2024 में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने नीरज भाटिया को गिरफ्तार किया था। उनके पास से कोडीन आधारित कफ सिरप और नशीली दवाओं की भारी खेप जब्त की गई थी।

भाटिया परिवार की संपत्ति की जांच जारी

ED ने सिरमौर जिले के डिप्टी कमिश्नर से भाटिया परिवार की संपत्तियों का पूरा ब्यौरा मांगा है। रिकॉर्ड के मुताबिक, उनके पास कुल 9 बीघा जमीन है, जिसमें से 6.04 बीघा नीरज भाटिया के नाम और बाकी नवीन भाटिया के नाम दर्ज है। जांच एजेंसियां अब उनकी संपत्तियों के स्रोत और वित्तीय लेन-देन की भी छानबीन कर रही हैं।

PM मोदी के करीबी रहे नीतिसैन भाटिया

नीतिसैन भाटिया कभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी सहयोगी माने जाते थे। 1995 से 2001 के बीच जब नरेंद्र मोदी हरियाणा के प्रभारी थे, तब नीतिसैन भाटिया क्षेत्रीय संगठन मंत्री थे। वे पानीपत नगर पालिका के अध्यक्ष भी रह चुके हैं और दो बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। 2020 में जब वे बीमार पड़े थे, तब खुद प्रधानमंत्री मोदी ने फोन कर उनका हालचाल जाना था।

अब ED की इस कार्रवाई ने पूरे राजनीतिक हलके में हलचल मचा दी है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में आगे क्या कानूनी कदम उठाए जाते हैं और भाजपा इस पर क्या रुख अपनाती है।