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हिमाचल के डैम 80-90% तक भर गए, मानसून से पहले जलाशयों में बढ़ा जलस्तर
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पड़ोसी राज्यों पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिलेगा
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सरप्लस बिजली उत्पादन से हिमाचल को 228 लाख यूनिट तक का राजस्व लाभ, बिजली बोर्ड को राहत
Himachal hydel powe: हिमाचल प्रदेश की नदियों पर बने डैम इस बार मानसून से पहले ही भरने लगे हैं। भाखड़ा और पौंग डैम को छोड़ दें तो बाकी जलाशयों में जल स्तर 80 से 90 प्रतिशत तक पहुंच चुका है। इसका मुख्य कारण मई में हुई अच्छी बारिश और ग्लेशियरों का समय से पहले पिघलना रहा है। पावर इंजीनियर अंशुल शर्मा के मुताबिक, यह स्थिति बिजली उत्पादन और सिंचाई दोनों के लिए लाभकारी है। डैम भरने से राज्य की पनविद्युत परियोजनाओं से बिजली उत्पादन में इजाफा हो रहा है। अभी हिमाचल प्रतिदिन लगभग 228 लाख यूनिट बिजली बेच रहा है।
इन जलाशयों का भरना पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान जैसे राज्यों की खेती-बाड़ी के लिए संजीवनी साबित होगा। नहरों के ज़रिए यह पानी सीधे खेतों तक पहुंचता है, जिससे फसलों को भरपूर जल मिल सकेगा।
हालांकि, विशेषज्ञों ने मानसून में अतिरिक्त सतर्कता बरतने की चेतावनी भी दी है। मानसून के दौरान डैम के पूरी तरह भरने की संभावना है, और उस समय जल प्रबंधन में सावधानी नहीं बरती गई तो बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। जैसे ही डैम FRL (Full Reservoir Level) पर पहुंचेंगे, उसके बाद आवश्यकतानुसार पानी छोड़ा जाएगा।
इस बार मानसून सामान्य से 109% अधिक वर्षा देने की संभावना है, जिससे स्थिति और अधिक चुनौतीपूर्ण हो सकती है। हिमाचल की गर्मी इस बार मार्च-अप्रैल में ही सामान्य से ज्यादा रही, जिस कारण ग्लेशियर समय से पहले पिघलने लगे और यह असामान्य परिदृश्य बना।
इस बीच पंडोह डैम से बीते सप्ताह पानी छोड़ने को लेकर चेतावनी भी जारी की गई थी। यह स्पष्ट करता है कि जल प्रबंधन प्रणाली को सजग रहना होगा ताकि संभावित आपदा को टाला जा सके।



