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आपदा राहत पर मुख्यमंत्री का बड़ा ऐलान: पांच लाख तक के टेंडर अब ऑफलाइन, वन भूमि पर बनेंगे मकान, केंद्र से मांगी मंजूरी


आपदा प्रभावित इलाकों में 5 लाख तक के टेंडर ऑफलाइन होंगे
वन भूमि पर विस्थापितों को बसाने की योजना, केंद्र से मांगी मंजूरी
मुख्यमंत्री बोले– भाजपा नेतृत्व में भी दिल्ली जाने को तैयार



हिमाचल प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदाओं के बीच मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने बताया कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में अब पांच लाख रुपये तक के टेंडर ऑफलाइन स्वीकृत किए जा सकेंगे, ताकि सड़कों और बुनियादी ढांचे की मरम्मत में देरी न हो। यह फैसला उन्होंने मंडी के दौरे के बाद शिमला पहुंचकर राजस्व विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक के दौरान लिया

मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रदेश सरकार जल्द ही एक व्यापक आपदा राहत पैकेज लेकर आएगी, जिसके लिए राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी को कैबिनेट में प्रस्ताव लाने के निर्देश दिए गए हैं

मुख्यमंत्री ने वन भूमि के उपयोग को लेकर भी केंद्र सरकार से सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जिन परिवारों के मकान पूरी तरह नष्ट हो गए हैं, उन्हें वन भूमि पर फिर से बसाया जा सकता है, लेकिन इसके लिए केंद्र सरकार की पूर्व अनुमति आवश्यक है। उन्होंने याद दिलाया कि वर्ष 2023 में इस संबंध में हिमाचल विधानसभा प्रस्ताव पारित कर चुकी है

मुख्यमंत्री ने राज्य के भाजपा सांसदों और नेताओं से अपील की कि वे केंद्र सरकार के समक्ष हिमाचल का पक्ष मजबूती से रखें। उन्होंने कहा कि यदि भाजपा हमारे साथ नहीं चलना चाहती, तो हम भाजपा नेतृत्व में ही दिल्ली जाने को तैयार हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि केंद्र से राहत पैकेज आएगा तो उसका श्रेय भी भाजपा को ही मिलेगा

मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि अब तक राज्य में आपदा से 800 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है, और जिन लोग लापता हैं, उनके बारे में जिला उपायुक्तों से रिपोर्ट मंगाई गई है। उन्होंने कहा कि लापता लोगों के जीवित मिलने की संभावनाएं अब बहुत कम रह गई हैं, लेकिन राज्य सरकार हर प्रभावित परिवार के पुनर्वास के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है