➤ हिमाचल में भूस्खलन से 236 सड़कें ठप, 56 ट्रांसफार्मर बंद
➤ चुराह के नकरोड़-चांजू मार्ग पर पहाड़ी दरकी, गांव कटे
➤ मानसून में अब तक 147 मौतें, 1387 करोड़ की संपत्ति क्षतिग्रस्त
हिमाचल प्रदेश में मानसून का कहर लगातार जारी है और भूस्खलन से आम जनजीवन प्रभावित हो गया है। शुक्रवार सुबह तक राज्य में 236 सड़कें यातायात के लिए बंद रहीं, जिनमें एक नेशनल हाईवे भी शामिल है। सबसे अधिक मंडी जिले में 144 सड़कें और 65 जल आपूर्ति योजनाएं प्रभावित हुई हैं। इसके अलावा, 56 बिजली ट्रांसफार्मर और 139 पेयजल योजनाएं भी ठप पड़ी हैं।
चंबा जिले के चुराह उपमंडल में नकरोड़-चांजू मार्ग (कठवाड़-घारे) पर पहाड़ी दरकने से संपर्क मार्ग पूरी तरह से बंद हो गया है। इससे बघेईगढ़, चांजू, चरड़ा और देहरा जैसी पंचायतें पूरी तरह से कट गई हैं। ग्रामीणों ने लोक निर्माण विभाग से मार्ग बहाली की मांग की है। विभाग के अधिशासी अभियंता जोगेंद्र शर्मा के अनुसार, मशीनरी और लेबर को मौके पर भेज दिया गया है।
बीते 24 घंटों में राज्य में कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई है। जटौन बैराज में 54 मिमी, पांवटा साहिब 41 मिमी, कुफरी और सुंदरनगर में 23 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। मौसम विभाग ने 26 से 31 जुलाई तक भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है, जिसमें 27, 28 और 29 जुलाई को अधिकतर स्थानों पर बारिश की संभावना जताई गई है।
मानसून सीजन में अब तक राज्य में 147 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें 68 सड़क दुर्घटनाओं में, जबकि बाकी भूस्खलन, बाढ़ और बादल फटने जैसी घटनाओं में मारे गए हैं। इस दौरान 229 लोग घायल और 34 अभी भी लापता हैं। अब तक 1553 कच्चे-पक्के घर और दुकानें, 1099 गोशालाएं और 1335 पशु नष्ट हो चुके हैं। कुल नुकसान 1387 करोड़ रुपये से अधिक आंकलित किया गया है।



