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कांग्रेस को हार का डर, इसलिए चुनाव से किनारा: भाजपा

पंचायत चुनाव रद्द करने पर विपक्ष का हमला
जयराम ठाकुर बोले—सरकार जनता से भाग रही है
राजीव बिंदल ने कहा—कांग्रेस लोकतंत्र का विरोधी दल बन चुकी है


हिमाचल प्रदेश में पंचायत चुनाव स्थगित किए जाने के फैसले पर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सरकार पर जनता से भागने का आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री और उनकी सरकार प्रदेश के लोगों का सामना करने की स्थिति में नहीं हैं, इसलिए आपदा की आड़ में पंचायत चुनाव नहीं करवा रही है।

उन्होंने कहा कि सरकार को पहले से ही पता था कि अगर पंचायत चुनाव हुए तो कांग्रेस की करारी हार तय है। इसलिए पहले नगर निगम और नगर निकाय चुनावों से किनारा किया गया और अब पंचायत चुनावों को भी टाल दिया गया है।

जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि सरकार ने पूरी स्क्रिप्ट पहले से तैयार की थी। पहले डिप्टी कमिश्नरों से पत्र लिखवाए गए और फिर तुरंत आदेश जारी कर चुनाव स्थगित कर दिए गए। उन्होंने कहा कि “जिस आपदा का हवाला देकर सरकार चुनाव टाल रही है, उसी आपदा में प्रभावित लोग आज भगवान भरोसे हैं। सरकार अपनी नाकामी से भागने की बजाय जनता का सामना करे और निर्धारित समय पर चुनाव करवाए।

इसी बीच भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने भी सरकार के फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार ने सुनियोजित तरीके से पंचायत चुनाव स्थगित कर लोकतंत्र को कमजोर किया है।

राजीव बिंदल ने कहा कि “कांग्रेस पार्टी को पता है कि अगर पंचायत चुनाव हुए तो उनका एक-एक प्रधान हार जाएगा। इसलिए कांग्रेस ने लोकतंत्र के इस सबसे बड़े पर्व को रोकने का जन-विरोधी निर्णय लिया है।” उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस लोकतंत्र बचाने की बात करती है, लेकिन असल में वही लोकतंत्र को कमजोर करने का कार्य कर रही है।

बिंदल ने कहा कि “पहले डिप्टी कमिश्नर से चिट्ठी निकाली गई, फिर राजस्व मंत्रालय से आपदा की नोटिफिकेशन जारी की गई। साफ है कि कांग्रेस पार्टी की सरकार चाहती ही नहीं थी कि प्रदेश में पंचायत चुनाव हों।

बीजेपी नेताओं के इस तीखे हमले से स्पष्ट है कि पंचायत चुनाव टलने के बाद प्रदेश में सियासी घमासान और तेज़ होगा।