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सरदार पटेल ने भारत की आत्मा का एकीकरण किया: डॉ. मुक्तिकांत मोहंती

भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान में सतर्कता जागरूकता सप्ताह के तहत विशेष प्रस्तुतियाँ आयोजित
सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर राष्ट्रीय एकता पर विशेष व्याख्यान हुआ
कार्यक्रम में सतर्कता, नैतिकता और प्रशासनिक उत्तरदायित्व पर गहन चर्चा हुई


भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, राष्ट्रपति निवास, शिमला में आज सतर्कता जागरूकता सप्ताह-2025 (27 अक्तूबर से 2 नवम्बर 2025) के तहत एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसका विषय था – “सतर्कता : हमारी साझा ज़िम्मेदारी” (Vigilance: Our Shared Responsibility)। इस अवसर पर दो महत्त्वपूर्ण प्रस्तुतियाँ दी गईं और तत्पश्चात सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया।

पहली प्रस्तुति अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नवदीप सिंह ने दी, जिनका विषय था – “साझा सतर्कता और ज़िम्मेदारियों के कानूनी पहलू एवं विषय अध्ययन”। उन्होंने कहा कि सतर्कता केवल नियमों तक सीमित नहीं, बल्कि यह नैतिकता, ईमानदारी और प्रशासनिक संस्कृति की नींव है। उन्होंने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की भावना पर बल देते हुए कहा कि “योग्यता को धन पर और विश्वास को लेनदेन पर विजय पानी होगी तभी सच्ची सतर्कता संभव है।”

नवदीप सिंह ने यह भी बताया कि डिजिटल गवर्नेंस और तकनीकी निगरानी आज के युग में सतर्कता तंत्र के दो मज़बूत स्तंभ हैं, जो पारदर्शिता और जवाबदेही को नई दिशा दे रहे हैं।

दूसरी प्रस्तुति श्री रवि छावल, निदेशक (सुरक्षा एवं प्रौद्योगिकी), दूरसंचार विभाग, शिमला ने दी। उन्होंने “नागरिक केंद्रित पहलों” पर बात करते हुए बताया कि विभाग ने “संचार साथी” जैसे डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से साइबर सुरक्षा, शिकायत निवारण और जन-जागरूकता में बड़ा योगदान दिया है।

कार्यक्रम के अंत में डॉ. मीनू अग्रवाल ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।

सप्ताह की प्रस्तुतियों के बाद, सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में विशेष व्याख्यान का आयोजन हुआ। इस अवसर पर डॉ. मुक्तिकांत मोहंती, फेलो, भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान ने “सरदार पटेल और राष्ट्रीय एकता का विचार” विषय पर प्रेरक व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि पटेल ने केवल रियासतों का विलय नहीं किया, बल्कि भारत की आत्मा का एकीकरण किया।

सत्र की अध्यक्षता प्रोफेसर एस. रंगनाथ ने की। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि सरदार पटेल प्रशासनिक परंपरा के ऐसे स्तंभ हैं जिनके विचार आज भी सुशासन, नैतिकता और राष्ट्रीय एकता के प्रेरणास्रोत हैं।

अंत में राष्ट्रीय एकता की शपथ ली गई। कार्यक्रम में संस्थान के फेलो, टैगोर फेलो, अध्येता, अधिकारी और कर्मचारी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन श्री अखिलेश पाठक, जनसंपर्क अधिकारी ने किया।