दुनियाभर में रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर उठ रहे सवालों के बीच संयुक्त राष्ट्र की बैठक में म्यांमार की स्टेट काउंसलर आंग सान सू की ने कहा है कि हम अंतरराष्ट्रीय दबाव में नहीं आएंगे। उन्होंने देश के नाम किए संबोधन में कहा कि हम शांति के लिए प्रतिबद्ध हैं।
सू की ने रखाइन प्रांत में अराकान इलाक़े में रह रहे कुछ रोहिंग्या मुसलमानों पर हुई कार्रवाई को सही करार दिया है। उन्होंने कहा कि रोहिंग्या आतंकी हमलों में शामिल हैं। रोहिंग्या समुदाय को म्यांमार में संरक्षण मिला लेकिन इन्होंने म्यांमार में ही आतंकी हमले करवा दिए। इसलिए जो लोग म्यांमार वापस आना चाहते हैं, हम उनके लिए रिफ्यूजी वेरिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू करेंगे।
सू की ने कहा म्यांमार एक जटिल देश है और हमसे उम्मीद की जाती है कि हम इस सभी चुनौतियों से कम से कम समय में बाहर निकलें। पिछले 70 सालों से चले आ रहे आंतरिक विवाद के बाद शांति और स्थिरता ऐसी चीजें थीं जो हमें पाना जरूरी है। उन्होंने आगे कहा कि म्यांमार, रखाइन में मुसीबतें उठा रहे सभी समूहों को लेकर परेशान है, साथ ही देश छोड़कर बांग्लादेश जा रहे मुस्लिमों को लेकर चिंतित भी। हम जानने की कोशिश करेंगे कि यह पलायन क्यों हो रहा है।