जहां एक और जिला प्रशासन कांगड़ा के एयरपोर्ट के विस्तार के लिए बार-बार सर्वे कर रहा है। वहीं, एयरपोर्ट के आस-पास में रहने वाली जनता की रातों की नींद हराम हो चुकी है। स्थानीय लोगों को समझ ही नहीं आ रहा कि सरकार वाकई में कांगड़ा के एयरपोर्ट का विस्तार करना चाह रही है या जनता को महज़ भ्रमजाल में डाला जा रहा है। इसी समस्या को लेकर आज कांगड़ा एयरपोर्ट के साथ लगते कई गांवों के लोंगों का एक प्रतिनिधिमंडल जिलाधीश कांगड़ा के कार्यालय पहुंचा और यहां जिला उपायुक्त राकेश प्रजापति से मुलाकात की।
डीसी से मुलाकात के बाद स्थानीय ग्रामीणों ने गुजारिश की कि उन्हें एयरपोर्ट के विस्तार को लेकर फैलाए जा रहे भ्रमजाल से बाहर निकाला जाए अन्यथा उनकी रातों की नींद हराम हो चुकी है। ग्रामीणों ने साफ किया कि वो अपने क्षेत्र के विकास की राह में रोड़ा नहीं बनना चाहते। अगर सरकार एयरपोर्ट के विस्तार के लिए जमीनों का अधिग्रहण करना चाहती है तो वो खुशी-खुशी अपनी जमीन देने को तैयार हैं।
लोगों का कहना है कि सालों से महज़ भ्रमजाल की स्थिती पैदा की जा रही है। हकीकत में सरकार की ओर से कुछ होता हुआ नहीं दिख रहा। जिसकी वजह से उनका निजी विकास रुक चुका है। चूंकि वो भी अपना विजनेस अपनी खेती-बाड़ी को बढ़ाना चाहते हैं। लेकिन इस वजह से वो नया कारोबार नहीं शुरू कर पाते कि न जाने कब उनका कारोबार सरकार उजाड़ देगी। इसलिए अगर सरकार एक बार अपनी स्थिती स्पष्ट कर दे कि किस दिशा में जमीनों का अधिग्रहण होगा तो वो उन जमीनों को छोड़ कर दूसरी जमीनों पर अपना कारोबार करेंगे ताकि भविष्य में किसी को भी कोई परेशानी न हो।
वहीं, जिला उपायुक्त राकेश प्रजापति ने स्थानीय ग्रामीणों की इस बात का समर्थन किया है और उनकी आवाज़ को सरकार तक पहुंचाने की भरसक कोशिश करने की बात कही है। ताकि सही मायनों में एयरपोर्ट विस्तार के लिए जमीनों के अधिग्रहण को वक्त पर अमल में लाया जा सके और कांगड़ा के एयरपोर्ट का भी तुरंत विस्तार किया जा सके।