इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने कोरोना वायरस के सामुदायिक फैलाव (कम्युनिटी स्प्रेड) को लेकर सर्वे करने का फैसला किया है। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, नेशनल सेन्टर फोर डिजीज कंट्रोल, WHO और राज्य के स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर ये सर्वे किया जाएगा और इसका मकसद कोरोना वायरस के कम्युनिटी ट्रांसमिशन के बारे में पता लगाना है।
देश के 21 राज्यों के 69 ज़िलों में यह सर्वे किया जाएगा। इन 21 राज्यों में हिमाचल प्रदेश भी शामिल है। इसके तहत सभी जिलों से 400 रैंडम सैंपल लिए जाएंगे। इन सैपलों में से 24000 सैम्पल्स व्यस्कों के होंगे। ELISA टेस्ट के ज़रिए इस सर्वे को अंजाम दिया जाएगा, इसके अंतर्गत जिसमें ब्लड सैंपल लिया जाएगा और शरीर में एंटीबाडी का पता लगाया जाएगा।
इस सर्विलांस के लिए 21 राज्य के 69 जिलों का चयन किया है जिनमें सबसे ज्यादा 9 जिले उत्तर प्रदेश के हैं। यहां के अमरोहा, सहारनपुर, गौतमबुद्ध नगर, बरेली, बलरामपुर, मऊ, औरेया, गोंडा व उन्नाव जिले शामिल हैं। इनके अलावा दिल्ली के किसी भी जिले को सर्विलांस के लिए चयनित नहीं किया है।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार इन जिलों में कोरोना वायरस के सामुदायिक फैलाव का पता लगाने के लिए एंटीबॉडी जांच की जाएगी। एक जिले के 10 क्लस्टर क्षेत्र के हर घर से एक-एक व्यक्ति का सैंपल लिया जाएगा। व्यक्ति का रक्त लेकर सैंपल की जांच की जाएगी। ताकि यह पता चल सके कि कितने लोगों के शरीर में कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी बनकर तैयार हो चुके हैं।
21 राज्यों में उत्तर प्रदेश के अलावा उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब, पश्चिम बंगाल, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, तेलंगना, तमिलनाडु, राजस्थान, ओडिशा, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, केरल, कर्नाटक, झारखंड, गुजरात, छत्तीसगढ़, बिहार, असम और आंध्रप्रदेश शामिल हैं। हाल ही में नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) ने एक एलाइजा किट को विकसित किया है जोकि पहली भारतीय एंटीबॉडी किट है। इस किट के जरिये करीब ढ़ाई घंटे में 90 सैंपल की जांच हो सकती है। यह किट सिर्फ एंटीबॉडी की जांच करती है और इसका इस्तेमाल सर्विलांस के लिए हो सकता है।