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औद्योगिक क्षेत्र को प्रोत्साहन देने के लिए होगा खाका तैयार, CM ने औद्योगिक संघों से की बैठक

पी. चंद, शिमला |

औद्योगिक क्षेत्र को प्रोत्साहन देने का खाका तैयार करने के लिए मुख्यमंत्री ने औद्योगिक संघों से बैठक की। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के अंतर्गत 60 लाख तक के निवेश वाली परियोजनाओं में युवाओं को 25 प्रतिशत जबकि महिला उद्यमियों को 30 प्रतिशत निवेश उपदान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि तीन वर्षों के लिए पांच प्रतिशत ब्याज उपदान भी प्रदान किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र से मामला उठाया है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत प्रदेश को इस शर्त में छूट दी जाए कि इस योजना का लाभ केवल उन्हीं उपक्रमों को मिलेगा, जिनमें 90 प्रतिशत या इससे अधिक कर्मचारी 15 हजार रुपये प्रतिमाह की दर से वेतन प्राप्त कर रहे हैं। इसके अलावा लॉकडाउन की अवधि के दौरान वेतन की अदायगी इएसआईसी निधि से करने का आग्रह भी किया गया है।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने ऊर्जा के मांग शुल्क को तीन महीने की अवधि के लिए टाल दिया है। राज्य विद्युत बोर्ड ने भी ऊजा बिलों के भुगतान की अवधि भी बिना लेट फीस के बढ़ाई गई है। राज्य सरकार ने आवश्यक सेवा प्रदाता उद्योगों की सुविधा के लिए लॉकडाउन अवधि में कई कदम उठाए हैं।  जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के उद्योगपतियों ने पीएम केयर्ज और एचपी एसडीएमए कोविड-19 स्टेट डिजास्टर रिस्पॉंस फंड में अंशदान कर सरकार को हर संभव सहायता प्रदान की है। इसके अलावा उन्होंने जरूरतमंद लोगों को निशुल्क मास्क और भोजन की व्यवस्था भी की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उपक्रम क्षेत्र इस महामारी के कारण सर्वाधिक प्रभावित हुआ है और हिमाचल प्रदेश में भी लगभग 90 प्रतिशत उद्योग इस श्रेणी के अंतर्गत आते हैं। इन औद्योगिक इकाइयों को फिर से लाभ की स्थिति में लाने के लिए केंद्र सरकार के पैकेज का अधिकाधिक लाभ उठाया जाना चाहिए। उन्होंने उद्योगपतियों को आश्वासन दिया कि उनके द्वारा उठाए गए विभिन्न मुद्दों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा। जयराम ठाकुर ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र प्रदेश के विकास एवं उन्नति में बहुत बड़ा योगदान दे रहा है। सरकार सूक्ष्म, लघु और मध्यम उपक्रमों को औद्योगिक नीति-2019 के अंतर्गत कई प्रोत्साहन प्रदान कर रही है, जिनमें भूमि की कीमत पर दर अथवा प्रीमियम में 50, 60 व 70 प्रतिशत की छूट, स्टाम्प ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क में 50 प्रतिशत, 30 प्रतिशत और 10 प्रतिशत की छूट तथा विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने और स्वीकृतियां प्राप्त करने में छूट शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज के अंतर्गत सूक्ष्म, लघु और मध्यम उपक्रमों के फंड की आवश्यकता के अनुरूप 50 हजार करोड़ रुपये का आर्थिक प्रोत्साहन दिया गया है। इससे नई ऐसी इकाइयां स्थापित करने के इच्छुक लोगों को जहां प्रोत्साहन मिलेगा, वहीं जिन्हें नुकसान हुआ है, उन्हें भी अतिरिक्त ऋण लेने की सुविधा मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि एमएसएमई को बिना गारंटी ऋण देने के लिए तीन लाख करोड़ रुपये की राशि प्रावधान किया गया है जिसे चार साल की अवधि के लिए दिया जाएगा और सरकार द्वारा इसकी शत-प्रतिशत गारंटी दी जाएगी। इन ऋणों की मूल राशि को वापस करने के लिए एक साल तक की छूट दी जाएगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि इन प्रोत्साहन प्रावधानों से राज्य में एमएसएमई को बड़े पैमाने पर बढ़ावा मिलेगा।