मंडी ज़िले की बल्ह घाटी में प्रस्तावित हवाई अड्डे के विरोध में संघर्ष समिति द्वारा पहली मार्च को की जा रही रैली को लेकर चलाए जा रहे जन संपर्क अभियान के तहत सोमवार को तीसरे दिन बल्ह बचाओ किसान संघर्ष समिति की बैठक गांव टॉनवा में प्रेम चंद सैनी की अध्यक्षता में संपन्न हुई। जिसमें मुख्यमंत्री द्वारा बल्ह में अन्तर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा बनाने का सपना लिया है उसके उपर किसानों ने चर्चा की और इस फैसले का किसानों ने विरोध करार दिया । बैठक में किसानों ने एकमत से निर्णय लिया कि 1 मार्च 2021 को 11 बजे कंसा मैदान से ढोल – नगाड़े के साथ रैली में बड़-चढ़ हिस्सा लेंगे I सरकार के एकतरफा फैसले और मुख्यमंत्री द्वारा समिति की अनदेखी और मिलने के लिए समय न देना व मांग पत्र एसडीएम (बल्ह) के माध्यम से प्रधानमंत्री को भेजा जाएगा।
गांव समिति के प्रधान प्रेम दास चौधरी ने कहा कि एक तरफ राज्य सरकार, भूमि अधिग्रहण कानून 2013 को पूर्णता लागू नहीं कर रही है, पुनारस्थापन व पुनर्निवासन के बारे चुप है। दूसरी तरफ राज्य के मुख्यमंत्री, हवाई अड्डा में अधिग्रहण की जाने वाली जमीन को उचित मुआवजा देने की बात कर रहे हैं। जबकि प्रस्तावित हवाई क्षेत्र में जमीन के सर्किल रेट इतने कम हैं कि जमीन कौड़ियों के भाव जायेगी। जिला प्रशासन द्वारा घोषित सरकल रेट 1.60-6 लाख प्रति बीघा है, जबकि किसान 3 से 4 लाख प्रति बीघा नकदी फसलों से प्रति वर्ष कमा रहा हैं I
समिति सदस्य प्रेम चंद सैनी ने कहा कि बल्ह घाटी में एयरपोर्ट अथॉरिटी द्वारा प्रस्तावित अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा जिसमें 8 गांव एक तरफ ढाबण से कुम्मी और दूसरी तरफ डुगराई से डायोडा तक 3150 मीटर लम्बी रनवे जिसमें जमीन लगभग 3500 बिघा और लगभग 2500 मकान, 13000 जनसंख्या इस हवाई पट्टी की जद में आ जायेंगे अपनी उपजाऊ जमीन जिसमे हर साल लाखों की नकदी फसले उगाते हैं उसमें पूरी तरह से बेदखल हो जायेंगे। सचिव, नन्द लाल ने कहा कि हिमाचल सरकार, जिस तरह भारत सरकार किसानों की जमीन/एयरपोर्ट अदानी व अंबानी को देने जा रही है उसी तरह हिमाचल सरकार, बल्ह हवाई अड्डों को भी इनको बेच देगी।