हिमाचल प्रदेश में बढ़ते अपराधों को मद्देनजर जनता ने यह साफ कर दिया है कि अब अपराध चाहे कोई भी हो उसका हिसाब जनता और सरकार दोनों को देना होगा। कोटखाई मामले में जनता पहले से ही पुलिस और सरकार से खफा है लेकिन इसके बावजूद भी पुलिस अपने कार्यशैली को सुधारने के बजाय लगातार जनता के आक्रोश का शिकार बनी हुई है।
दरअसल, तीसा में 27 जुलाई को एक छात्रा ने शिक्षक पर दुराचार का आरोप लगाया था। इसी कड़ी में पहले तो गुस्साई जनता शिक्षक पीटा और उसके बाद तीसा थाने पर पथराव कर दिया। जनता का आरोप है कि आरोपी शिक्षक के पुलिस कस्टडी में होने के बावजूद भी आगे की कोई भी कार्रवाई नहीं की जा रही है। हालांकि, रेप मिस्ट्री की पुष्टि भी हो चुकी है और अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया। इसके बाद में डीएसपी सलूणी मंहेद्र मिन्हास ने मौके पर पहुंचकर लोगों को शांत करवाया और उचित जांच करने का आश्वासन दिया।
गौरतलब है कि एक छात्रा ने शिक्षक पर आरोप लगाया था कि शिक्षक ने उसे खेतों में बुलाकर दुराचार किया है। जब छात्रा ने मना किया तो वह उसे फेल करने की धमकी देने लगा। फेल के डर से छात्रा शिक्षक की हवस का शिकार होती रही और बाद में उसके परिजनों ने जब उससे पूछा तो उसने ये सारा चिट्ठा खोला। इसके बाद परिजनों ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी।