हमीरपुर जिला के भोरंज उपमंडल के गांव सेऊ के एक परिवार ने तीन तरह की वेराइटी के सेब का उत्पादन करके मिसाल कायम की है। यह परिवार अपनी जमीन पर तैयार किए सेबों से लाखों रूपये का उत्पादन भी कर रहे हैं। शौकीय तौर पर शुरू किए गए व्यवसाय से आज एक सीजन में तीन सौ से ज्यादा सेब के पौधों से मुनाफा कमा रहे हैं। उपरी पहाड़ों की तर्ज पर सेउ गांव में शुरू किए गए सेब के पौधों की सही ढंग से देखरेख करके आज के समय में हमीरपुर जिला में सेब के सबसे ज्यादा पौधों का बागीचा लगाने में भी नाम कमाया है।
वहीं, सेब उत्पादन की बात करें तो 2015 से शुरू हुए कारोबार में बीत वर्ष भी सेब की फसल से दो से तीन लाख रूपये कमाए है और इस साल भी बीस क्विंटल सेब का उत्पादन होने की उम्मीद है। गर्म वातावरण होने के बाजवूद इतनी बड़ी मात्रा में तीन तरह की बेराइटी के सेब उत्पादन की आसपास के लोग भी प्रंशसा कर रहे है।
बागवान संतोष कुमारी ने बताया कि पांच साल के बाद सेब के पौधे फल देने शुरू हुए थे और अब अच्छा उत्पादन हो रहा है। सेब के अलावा आडू, खुमानी, आम, लीची, अमरूद इत्यादि के भी पौधों से भी अच्छे मिल रहे हैं। गोल्डन, एचआर, आना बेराइटी के सेब का बागीचा तैयार किया है जिसे बाजार में बेचकर मुनाफा हो रहा है। बेरोजगारी के दौर से गुजर रहे युवा सेब के बागीचे लगाकर बागबानी क्षेत्र में स्वरोजगार अपना सकते हैं। उन्होंने कहा कि बागीचे तैयार करने में मेहनत तो लगती है लेकिन इससे सालाना अच्छी आय अर्जित की जा सकती है।
संतोष कुमारी के बेटे कमलजीत ने बताया कि गत साल भी बागबानी से दो से तीन लाख की आय अर्जित की है। करीब 14 क्विंटल से ज्यादा सेब का उत्पादन किया है जिसे हमीरपुर सब्जी मंडी में बेचा गया है। शुरू में नतीजा कम आता है लेकिन बाद में सही ढंग से देखभाल करने के बाद पैदावार में बढोतरी हुई है तो आय भी बढी है।