मॉनसून ने इस बार प्रदेश में तबाही मचाई है। भारी बारिश से करोड़ों का नुकसान हुआ और सैकड़ों लोगों ने जान गंवाई। प्रदेश के कई हिस्सों में लगातार हो रही बारिश से लैंड स्लाइड और दुर्घटनाएं रोजाना हो रही है जिससे लोगों को जान हथेली में रख कर सफर करना पड़ रहा है।
देवभूमि हिमाचल में इस बार बारिश मौत बन कर बरस रही है और ये आफत की बारिश थमने का नाम नहीं ले रही है। एक आकंड़े के मुताबिक प्रदेश में अब तक 100 करोड़ की संपत्ति का नुकसान हुआ है और करीब 376 लोगों की मौत हुई। वहीं मवेशियों पर बारिश कहर बन कर टूटी है। मॉनसून की तबाही में करीब 670 मवेशियों की मौत हुई है।
मॉनसून की मार इस बार चारों तरफ पड़ी है। बारिश के चलते बागवानों को भी काफी नुकसान झेलना पड़ा है। मूसलाधार बारिश के चलते लैंड स्लाइडिंग होने से सड़कें बाधित हुईं और कई दिनों तक बागवानों को सीजनल फसलों और सेब से लदी गाड़ियों के साथ में सड़कों में रहना पड़ा। फसलें सड़ने से बागवानों को काफी नुकसान हुआ। बागवान इस बार दोहरी मार झेल रहे हैं। सेब के सही दाम नहीं मिलने से बागवान परेशान हैं और कुदरत की बारिश किसानों पर आफत बन कर बरस रही है। ऐसे में बागवान सरकार से उचित मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
मौसम वैज्ञानिकों की माने तो प्रदेश में इस बार सितंबर के आखिर तक मानसून के विदा होने की उम्मीद है और इस बार मंडी जिले को छोड़कर बाकि जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है, लेकिन इसके बावजूद मानसून इस बार भारी नुकसान देकर जा रहा है।