केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल आज कुल्लू के दौरे पर रहे। यहां उन्होंने स्वर्णिम हिमाचल वर्ष के उपलक्ष्य में ‘सेवा और समर्पण अभियान’ के अंतर्गत अटल सदन कुल्लू में आयोजित हस्तशिल्प एवं हथकरघा कारीगरों के साथ संवाद कार्यक्रम में भाग लिया। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने यहां वीवर सर्विस सेंटर खोलने की घोषणा भी की।
‘अटल देखने का सपना आज पूरा हुआ’
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि प्रदेश सरकार की तारीफ करने हुए कहा कि जयराम ठाकुर ने चार सालों में कई ऐताहिसक काम किए। कोविड के समय खुद कोविड संक्रमित हुए, संघर्ष किया और उसका बेहतर परिणाम निकला। उनका पिछले एक साल से अटल टनल देखने का सपना था, जो आज पूरा हुआ। इस टनल की कल्पना अटल जी ने की थी। अटल जी हिमाचल को अपना मानते थे, उनका हिमाचल के प्रति अपनापन था। वैसा ही रिश्ता हिमाचल के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी है।
केंद्रीय मंत्री ने की बुनकरों के काम की तारीफ
केंद्रीय मंत्री ने कार्यक्रम में मौजूद बुनकरों और कामगारों की तारीफ करते हुए कहा, “जो आज मैंने कला देखी। एक-एक प्रोडक्ट बहुत ही सुंदर है जिसने भी ये बनाए हैं उनको मैं दाद देता हूं।” उन्होंने कहा, ” लेकिन इसमें एक कमी रह गई है, इतने सालों में इसकी कॉमर्शियल वैल्यू बहुत बढ़ गई है। हमें इसमें कुछ सुधार करने होंगे। अगर हम इसकी डिजाइनिंग पर पैकेजिंग पर ध्यान दें, मार्केटिंग को और अधिक आधुनिक बनाएं तो इसकी सही कीमत मिलेगी।”
‘कुल्लू की पाठशाला से सीख कर जा रहा हूं’
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में इन उत्पादों को पहुंचाने के लिए क्या किया जा सकता है। इस बारे में प्रदेश सरकार को काम करना चाहिए। ऊन की क्वालिटी को कैसे सुधारा जा सके, इस पर विभाग भी चिंता करे और सरकार भी काम करे। इस बारे में कई बुनकरों ने भी सुझाव दिए हैं, जिन्हें में लिख कर ले जा रहा हूं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज मुझे यहां बहुत कुछ सीखने को मिला। आज मैं एक पाठशाला के रूप में यहां से सीख कर जा रहा हूं। आज का दिन मेरे लिए यादगार रहेगा।
कुल्लू में खुलेगा वीवर सर्विस सेंटर
केंद्रीय मंत्री ने कुल्लू में एक वीवर सर्विस सेंटर और डिजाइन रिसोर्स सेंटर खोलने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि दिल्ली जाते ही इस बारे अधिकारियों से बात करूंगा। प्रदेश सरकार से मेरी गुजागिरश रहेगी कि सेंटर के लिए जमीन देखने के बजाय बना-बनाया भवन तलाश करें, ताकि इसे एक साल में शुरू किया जा सके और भवन के लिए बनने वाला पैसा बुनकरों के प्रशिक्षण पर खर्च किया जा सके।
उन्होने कहा कि उत्तम चंद ने अपने सुझाव में इस कार्य को ई-कॉमर्स से जोड़ने की बात कही। इसके लिए वह बड़ी टैक्सटाइल कंपनियों के अलावा पांच सितारा होटलों से भी बात करेंगे, जहां पर बारी-बारी से कुल्लू, लाहौल स्पीति, चंबा और कांगड़ा आदि के हस्तशिल्प की प्रदर्शनियों को लगाया जाए।
‘हिमाचली टोपी की आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान’
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि हिमाचल की टोपी की तो आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान है। जिन देशों में सर्दी अधिक होती है वहां पर कुल्लू की टोपी को भेजा जा सकता है। इसके लिए एक ऐसा डिजाइन तैयार करें, जिससे की कानों को भी ढका जा सके। उन्होंने कहा कि इससे जहां कुल्लू की टोपी को और ज्यादा पहचान मिलेगी वहीं दुनिया में कुल्लू औऱ हिमाचल का नाम होगा।