हमीरपुर जिला के नादौन के महान कवि एवं प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी देवीदास गुलजार को उनके स्वतंत्रता संग्राम में अहम योगदान को लेकर डाक विभाग द्वारा उनकी माई स्टैंप जारी की गई है। विभाग के सहायक अधीक्षक जिला हमीरपुर संदीप धर्माणी एवं उनकी टीम ने नादौन शहर के वार्ड 5 में स्थित गुलजार के घर पहुंच कर उनके परिजनों को यह सम्मान दिया।
आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान विभाग द्वारा गुलजार को फोटोयुक्त माई स्टैंप और समृति चिन्ह गुलजार के सुपुत्र निष्पक्ष भारती को भेंट किया। स्वतंत्रता सेनानी देवीदास गुलजार के पुत्र निष्पक्ष भारती ने डाक टिकट जारी होने पर खुशी जाहिर करते हुए केन्द्र सरकार के साथ साथ डाक विभाग का भी आभार व्यक्त करते है।
हमीरपुर डाक विभाग के सहायक अधीक्षक संदीप धर्माणी ने बताया कि जिला भर में दो स्वतंत्रता सेनानी परिवारों को यह सम्मान दिया गया है जिनमें गुलजार के अलावा लंबलू गांव का एक परिवार है। धर्माणी ने बताया कि भारतीय डाक विभाग द्वारा अमृत महोत्सव के चलते स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर यह माई स्टैंप जारी की जा रही हैं जिसमें स्वतंत्रता सेनानी के फोटो युक्त यह टिकट हैं।
बता दें कि गुलजार का जन्म 30 अप्रैल 1929 में नादौन में हुआ था। जन्म के 1 वर्ष बाद ही उनकी माता मंशा देवी का निधन हो गया था। उनकी ताई केसरी देवी ने उनका पालन पोषण किया और बाद में वह पिता दसौंधी राम और ताया बेली राम के साथ लाहौर चले गए। 1945 में मिडिल क्लास में पढ़ते हुए वह क्रांतिकारी गतिविधियों में शामिल हो गए और जयप्रकाश नारायण से प्रभावित हुए।
लाहौर के ब्रेडला हाल में उनकी मुलाकात आसिफ अली, मुंशी अहमददीन, तिलक राज चड्ढा आदि से हुई। 1946 में नौवीं कक्षा में पढ़ते हुए उन्होंने गवर्नर की कार पर हमला कर दिया जिनमें उनके साथ प्रदेश के पूर्व शिक्षा मंत्री पंडित शिवकुमार भी शामिल थे। गुलजार उर्दू औक पंजाबी के प्रसिद्ध कवि रहे जबकि पहाड़ी, अंग्रेजी और फारसी में भी उन्होंने काफी लेखन किया। अध्यापन के दौरान वह हिमाचल प्रदेश राजकीय अध्यापक संघ के राष्ट्रीय पदाधिकारी भी रहे। संयोगवश गणतंत्र दिवस 26 जनवरी 2011 में गुलजार का निधन हुआ। गुलज़ार को प्रदेश के प्रसिद्ध जाने माने शायरों में गिना जाता था।