हिमाचल की कुल जनसंख्या में 35.25 प्रतिशत युवा नागरिक हैं। यह बात आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के दस्तावेज में सामने आई है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विभाग द्वारा तैयार किए गए हिमाचल प्रदेश में युवा-2018 दस्तावेज का विमोचन किया।
दस्तावेज के अनुसार फरवरी 2014 में जारी की गई राष्ट्रीय युवा नीति ने भारत के युवाओं के लिए एक समग्र दृष्टि का प्रस्ताव रखा है जिसमें देश के युवाओं को अपनी पूरी क्षमता हासिल करने के लिए सशक्त बनाना है ताकि भारत को वैश्विक समुदाय में अपनी सही जगह मिल सके। विमोचन के दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त डॉ. श्रीकांत बाल्दी, आर्थिक सलाहकार प्रदीप चौहान, विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
अन्य राज्यों से बेहतर है हिमाचल की स्थिति
युवा जनसंख्या के मामले में हिमाचल प्रदेश की स्थिति अन्य राज्यों से बेहतर है। 1971 की जनगणना के अनुसार युवाओं की कुल जनसंख्या 10.56 लाख से बढ़कर 2011 में 24.20 लाख हो गई है। 40 साल की इस अवधि में युवाओं की आबादी में 129 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जबकि इसी अवधि में सामान्य जनसंख्या में 85 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
हिमाचल में बढ़ा लिंगानुपात
वहीं, भारत में 1991 से 15-34 आयु वर्ग के युवाओं का लिंगानुपात लगातार कम हो रहा है जबकि हिमाचल प्रदेश में स्थिति थोड़ी अलग है। भारत में 1971 में लिंगानुपात 961 था जो 1911 में घटकर 39 रह गया है। इसी आयु वर्ग में हिमाचल प्रदेश में 1971 में लिंगानुपात 961 था जो 1911 में बढ़कर 972 हो गया है।
महिलाओं की घट रही प्रजनन क्षमता
हिमाचल प्रदेश में महिलाओं की प्रजनन क्षमता कम हो रही है और शहरी इलाकों में कुल प्रजनन दर प्रत्येक महिला से दो बच्चों के अनुपात से भी कम है। कुल प्रजनन दर 2005 के 2.2 के स्तर से गिर कर 2015 में यह केवल 1.7 रह गई है जो कि जनसंख्या स्थिरता के 2.1 अनुपात स्तर से 0.4 अंक नीचे है।
95 प्रतिशत तक पहुंची साक्षरता
हिमाचल प्रदेश में 15 से 34 वर्ष आयु वर्ग में साक्षरता दर 95 प्रतिशत तक पहुंच गई है जबकि 1971 में यह मात्र 46.8 प्रतिशत थी। स्नातक स्तर पर छात्रों का नामांकन 79.32 प्रतिशत सबसे अधिक है।