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शीत सत्र: हंगामेदार रहा पहला दिन, नहीं हो पाया प्रश्नकाल और शून्यकाल

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Himachal Pradesh Assembly news :धर्मशाला के तपोवन में हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र का पहला दिन हंगामेदार रहा। प्रश्नकाल और शून्यकाल को स्थगन प्रस्ताव के कारण स्थगित कर दिया गया। भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने सरकार पर भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगाते हुए नियम 67 के तहत काम रोको प्रस्ताव पेश किया। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने विपक्ष की गंभीरता पर सवाल उठाते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष की सदन में उपस्थिति जरूरी है।

सत्र की कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी। स्पीकर ने कहा कि बिना पर्याप्त दस्तावेजों के चर्चा करना सही नहीं है। भाजपा ने शराब के टेंडर में गड़बड़ी, एचआरटीसी को जमीन महंगे दामों पर बेचने और पर्यटन निगम में अनियमितताओं का मुद्दा उठाया। इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने विपक्ष की रणनीति पर सवाल उठाते हुए तथ्यों के साथ बात रखने की अपील की।

मुख्यमंत्री सुक्खू ने हिमाचल के ई-विधान के आगे बढ़ने पर खुशी जताई और नेवा एप की शुरुआत को ऐतिहासिक करार दिया। उन्होंने कहा कि अब हिमाचल विधानसभा के दस्तावेज नेवा एप पर उपलब्ध होंगे।

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) पर सवाल उठाने और कांग्रेस की गारंटियों पर चर्चा की मांग की। इस दौरान सदन में चार विधेयकों को पेश किया गया, जिनमें पुलिस संशोधन विधेयक और पंचायती राज संशोधन विधेयक प्रमुख हैं।

मुख्यमंत्री सुक्खू 20 और 21 दिसंबर को जीएसटी काउंसिल की बैठक में शामिल होने के कारण सदन में उपस्थित नहीं रहेंगे।