15 जनवरी को भारत में भारतीय सेना दिवस मनाया जाता है। ये दिन भारत के लिए अहम दिन होता है। इस साल भारत का 74 वां सेना दिवस मनाया जा रहा है। इस दौरान 15 जनवरी को नई दिल्ली और सभी सेना मुख्यालयों पर सैन्य परेडों, सैन्य प्रदर्शनियों और अन्य कार्यक्रमों का आयोजन होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि 15 जनवरी को ही भारतीय सेना दिवस क्यों मनाया जाता है? यहां तक कि ये दिन भारतीय सेना और भारत के इतिहास के लिए खास कैसे है?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दरअसल भारतीय सेना दिवस फील्ड मार्शल केएम करियप्पा के सम्मान में मनाया जाता है। केएम करियप्पा भारत के पहले सैन्य अधिकारी थे और भारत-पाक के बीच युद्ध में उन्होंने ही भारतीय सेना का नेतृत्व किया था। इसके बाद उनका प्रोमोशन हुआ और वे फील्ड मार्शन बने। इससे पहले 1949 में आज भारत के आखिरी ब्रिटिश कमांडर इन चीफ जनरल फ्रांसिस बुचर थे। आइये जानते हैं कि कुछ महत्वपूर्ण किस्से…
केएम करियप्पा आजाद भारत के पहले भारतीय सेना प्रमुख 15 जनवरी 1949 को बने थे। ये भारत के इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है। इसलिए 15 जनवरी को हर साल भारतीय सेना दिवस के तौर पर मनाया जाता है। जब करियप्पा सेना प्रमुख बने तो उस समय भारतीय सेना में लगभग 2 लाख सैनिक थे। करियप्पा साल 1953 में रिटायर हो गए थे और 94 साल की उम्र में साल 1993 में उनका निधन हुआ था।
करियप्पा की उपलब्धियां
करियप्पा ने भारत पाकिस्तान युद्ध 1947 का नेतृत्व किया था। रिटायरमेंट के बाद में उन्हें 1986 में फील्ड मार्शल का रैंक प्रदान किया गया। इसके अलावा दूसरे विश्व युद्ध में बर्मा में जापानियों को शिकस्त देने के लिए उन्हें ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एंपायर का सम्मान भी मिला था।