मंडी: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों नारी शक्ति पुरस्कार लेने के बाद शुक्रवार शाम अपने घर पहुंचीं मंडी की बेटी अंशुल मल्होत्रा वैद्य का लोगों और परिजनों ने जोरदार स्वागत किया। उनका हार पहनाकर स्वागत किया और मिठाईयां बांट कर मुंह मीठा किया। मंडी की अंशुल ने अपने पापा ओम प्रकाश मल्होत्रा के पारंपरिक व्यवसाय को नया रूप देते हुए भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों यूरोप, चीन, रूस, अमेरिका तक प्रमोट किया।
हथकरघा के माध्यम से स्थानीय कच्चे माल और जड़ी बूटियों के रेशे को इस्तेमाल करते हुए उन्होंने जहां बड़ी संख्या में स्थानीय महिलाओं को साथ जोड़ कर उन्हें रोजगार दिया तो वहीं इस व्यवसाय को आधुनिक रूप भी दिया। मंडी शहर के सौली खड्ड इंडस्ट्यिल एरिया में अंशुल के पिता जो एक इंजीनियर रहे हैं उन्होंने सरकारी नौकरी छोड़ कर हैंडलूम हथकरघा के क्षेत्र में नए नए प्रयोग करके देश और दुनिया में नाम कमाया।
इसी के चलते उन्हें 2012 में देश का सबसे बड़ा अवार्ड शिल्प गुरू तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के हाथों मिला। बेटी ने भी नौकरी छोड़ी और दामाद कपिल वैद्य ने भी साथ दिया और कोरोना काल में आपदा का अवसर बनाते हुए इस व्यवसाय को नए रूप में आगे बढ़ाया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब 27 दिसंबर 2021 को मंडी आए थे तो उन्होंने भी विशेष प्रदर्शनी में अंशुल और ओम प्रकाश के इस काम को देखा था और हतप्रभ रह गए थे। अंशुल को नारी सशक्तिकरण व नारी चेतना के लिए यह अवार्ड मिला है। इसे छोटी काशी मंडी के लिए एक बड़े गौरव के तौर पर देखा जा रहा है। शुक्रवार शाम जब अंशुल मल्होत्रा वैद्य पुरस्कार लेने के बाद मंडी पहुंचीं तो शहर के चौहट्टा बाजार में परिजनों और मंडी वासियों ने हारों से लाद दिया और भव्य स्वागत किया।