क्राइम/हादसा

पश्मीना शॉल के नाम पर ठगी, कश्मीर निवासी 30 लाख लेकर ग़ायब

देश प्रदेश में धोखाधड़ी का आलम ऐसा हो चुका है कि आज हर चीज़ में आपको धोखाधड़ी देखने को मिल रही है। अब हरियाणा के HSVC सेक्टर 20 पार्ट दो में एक व्यक्ति ने पश्मीना शॉल के नाम पर व्यक्ति को नकली शॉल ही दे दी। यहां तक कि इस शॉल के नाम पर आरोपी ने 30 लाख रुपये की चपत लगा दी है।

जानकारी के मुताबिक, एचएसवीपी सेक्टर 20 पार्ट दो निवासी सुखमंदर सिंह को कश्मीर मूल के एक शाल व्यवसायी ने पश्मीना शाल बेचने का झांसा देकर उसे नकली शाल दे दी और 30 लाख रुपये की चपत लगा दी। पीड़ित के बयान पर सिविल लाइन थाना पुलिस ने अभियोग दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस को दी शिकायत में सुखमंदर सिंह ने बताया कि वर्ष 2020 में दीपावली के आसपास मुश्तक अहमद निवासी हाफीज बाग सौरा श्रीनगर उसके पास आया। वह शाल बेचने का काम करता है।

सेक्टर 20 स्थित उस समय उसके साथ उसका दोस्त बुढ़ाभाणा निवासी प्रेम भी था। मुश्ताक ने बताया कि वह अच्छी क्वालिटी के शाल बेचता है, जिसने अपनी फोटो बड़े लोगों के साथ दिखाई। सुखमंदर ने बताया कि उसके बाद उसने मुश्तक अहमद अहली से करीब 30 लाख रुपये के शाल खरीद लिये व सारे रुपये उसको नकद दे दिये। वह शॉल देकर व सारे रुपये लेकर चला गया। उसके बाद जब उसने शालों को चेक किया तो पाया कि सभी शॉल असली पशमीना की जगह नकली थे।

इसके बाद उसने उससे मोबाइल पर संपर्क किया तो उसने बताया कि वह कुछ दिन बाद वापस आएगा और सारे शाल वापस ले जाएगा। उसकी जगह असली पशमीना के शाल भेज देगा। नहीं तो आपके रुपये 10 दिन में दे दूंगा। लेकिन वह दस दिनों बाद तक नहीं आया। इसके बाद उसके मोबाइल नंबर पर संपर्क किया तो वह टाल मटोल करता रहा।

सुखमंदर ने बताया कि उन्होंने जब अपने स्तर पर पता किया तो मालूम हुआ कि वह शातिर किस्म का व्यक्ति है और इसी तरह बड़े लोगों के साथ फोटो खिंचवाकर आम जनता को बहकाकर अपनी बातों में फंसाकर व आम जनता को फोटो दिखाकर धोखाधङी करता है । पीड़ित ने बताया कि बीती 29 जुलाई 2021 को उससे संपर्क स्थापित कर मुश्ताक से मिले लेकिन उसने रुपये देने में आना कानी की। इसके बाद उसने 30 जुलाई को लिखित में कहा कि वह कुछ महीनों में सारे रुपये वापस कर देगा लेकिन आज तक उसने रुपये नहीं दिये। सिविल लाइन थाना की हुडा चौकी पुलिस ने अभियोग दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

क्या है पश्मीना शॉल?

पशमीना शॉल ज्यादा कश्मीर में ही बनती है जिसमें कुछ खास अहमियत होती है। बाताया जाता है कि सर्दी के मौसम में ये काफी फायदेमंद रहती हैं। हालांकि इनकी कीमत कम नहीं होती लेकिन ये काफी फायदेमंद रहती हैं। बदलते वक़्त के साथ इनका ट्रेंड नहीं बदलता और आज भी अपनी लुक के लिए जानी जाती है। इन्हें ओढने पर रॉयेल्टी का अनुभव होता है।

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