<p>कोरोना महामारी के इस दौर में गैर संक्रमक रोगों (नॉन कम्युनिकेवल डिजीजज-एनसीडी) की रोकथाम और बचाव पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इस दिशा में भारत सरकार द्वारा एनसीडी जोखिम कम करने और लोगों में जागरूगता लाने के लिए एनपीसीडीएससी कार्यक्रम और हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर (एचडब्ल्यूसी) शुरू किए है। इस कार्यक्रम को हिमाचल प्रदेश में भी प्राथमिकता के आधार पर लागू किया जा रहा है। यह बात आज एनएचएम के मिशन डायरेक्टर डॉ. निपुण जिदंल ने कही।</p>
<p>उन्होंने कहा कि इस कार्यकम को प्रारम्भिक चरण में देश के 100 जिलों में आरंभ किया गया था, जिसमें प्रदेश के तीन जिलों किन्नौर, चंबा व लाहौल स्पिति शामिल थे, अब यह कार्यक्रम प्रदेश के अन्य जिलों में भी आरम्भ किया जा रहा है, जिसके लिए प्रदेश में 10 निरोग क्लीनिक स्थापित किए जाएगे। इसकी अधिसूचना प्रदेश सरकार द्वारा 16 दिसंबर, 2020 को जारी कर दी गई है।</p>
<p>डॉ. निपुण जिदंल ने बताया कि यह निरोग क्लीनिक क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर, जोनल अस्पताल धर्मशाला, क्षेत्रीय अस्पताल रिकॉगपियो, क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू, जोनल अस्पताल मंडी, क्षेत्रीय अस्पताल सोलन, क्षेत्रीय अस्पताल ऊना, सिविल अस्पताल रामपुर, सिविल अस्पताल पालमपुर, सिविल अस्पताल पावंटा साहिब में स्थापित किए जाएंगे। इन निरोग क्लीनिंकों में फिक्स-डे ओपीडी शेडयूल के अनुसार विभिन्न सेवाएं प्रदान की जाएगी। जिसमें सोमवार को उच्च रक्तचाप, मधुमेह क्लीनिक, मंगलवार को कैंसर स्क्रीनिंग (मुह, स्तन व ग्रीवा) बुधवार को कीमोथेरेपी और कैंसर देखभाल, वीरवार को उच्च रक्तचाप, मधुमेह, शुक्रवार को पॉलीएटिव केयर और शनिवार को सीओपीडी होगी।</p>
<p>मिशन निदेशक ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन हिमाचल प्रदेश द्वारा प्रत्येक संस्थान के दो चिकित्सा अधिकारियों को एक सप्ताह का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह प्रशिक्षण 14 दिसंबर, 2020 को मिशन निदेशक द्वारा शुरू किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को मिशन के राज्य कार्यक्रम अधिकारी डॉ. गोपाल चैहान और कार्यक्रम अधिकारी डॉ. प्रियंका की देखरेख में चलाया जा रहा है।</p>
<p>उन्होंने कहा कि राज्य में मुख्यमंत्री निरोग योजना के तहत 18 वर्ष तक के सभी व्यक्तियों की स्क्रीनिंग करने का बीडा उठाया है। जिसके अन्तर्गत अब तक आशा कार्यकर्ताओं द्वारा 21.65 लाख लोगों का जोखिम मूल्यांकन किया गया है और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा 6.87 लाख लोगों की गैर सक्रमण रोगों के लिए स्वास्थ्य जांच की गई है, जिसके कारण हिमाचल प्रदेश गैर संक्रमण रोगों की निगरानी करने वाला देशभर में में अग्रणी राज्य बन कर उभरा है। उन्होंने कहा कि राज्य में कैंसर, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, स्ट्रोक, बहरापन, अंधापन, मिर्गी और मानसिक बीमारी आदी बीमारियों पर ई-हेल्थ साफ्टवेयर के माध्यम से निगरानी की जा रही है। </p>
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