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हिमाचल की 57 दवाएं जांच में फेल, देशभर में कुल 196 दवाइयों के सैंपल मानकों पर खरे नहीं

  • देशभर में 196 दवाइयों के सैंपल फेल, हिमाचल की 57 दवाएं जांच में असफल

  • बद्दी की नामी कंपनियों मर्टिन एंड ब्राउन और केपटेप के कई सैंपल फेल

  • राज्य ड्रग कंट्रोलर ने कंपनियों को नोटिस जारी कर लाइसेंस रद्द करने की तैयारी की


Himachal Pharma:  देशभर की फार्मा इंडस्ट्री को झटका देते हुए कुल 196 दवाइयों के सैंपल जांच में फेल पाए गए हैं। इनमें से 57 दवाएं हिमाचल प्रदेश में बनी हुई हैं, जिनमें अधिकतर राज्य के फार्मा हब बद्दी की यूनिटों से संबंधित हैं। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस सूची में कई नामी कंपनियों की दवाएं भी शामिल हैं, जिन्हें आमतौर पर विश्वसनीय माना जाता है।

जिन दवाओं के सैंपल जांच में खरे नहीं उतरे, उनमें अल्मोक्स-500 कैप्सूल (निमोनिया से बचाव), सोडियम क्लोराइड इंजेक्शन (शरीर में सोडियम व पानी की कमी पूरा करने के लिए) और रबेप्राजोल इंजेक्शन (अल्सर उपचार) शामिल हैं। इसके अलावा बच्चों को बुखार में दी जाने वाली लिक्विड पेरासिटामोल भी जांच में फेल पाई गई है, जो स्वास्थ्य सुरक्षा के लिहाज से गंभीर चिंता का विषय है।

List of mdapril25

CDSCO NSQ ALERT FOR THE MONTH OF APRIL-2025

Revise Drug Alert for the Month of January2025

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राज्य प्रयोगशाला द्वारा लिए गए सैंपलों में 60 दवाएं फेल हुईं, जिनमें से 20 हिमाचल की थीं। वहीं, CDSCO (सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन) द्वारा लिए गए सैंपलों में 136 दवाएं असफल रहीं, जिनमें से 37 हिमाचल में निर्मित थीं।

बद्दी की मर्टिन एंड ब्राउन कंपनी के चार और केपटेप कंपनी के आठ सैंपल फेल पाए गए हैं। इन कंपनियों को ड्रग विभाग की ओर से नोटिस जारी किए गए हैं। राज्य ड्रग कंट्रोलर मनीष कपूर ने बताया कि दोषी कंपनियों के लाइसेंस रद्द किए जाएंगे, साथ ही बाजार में मौजूद स्टॉक को तुरंत वापस मंगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। विभाग आगे भी स्वतंत्र जांच जारी रखेगा ताकि गुणवत्ता से कोई समझौता न हो।

इस घटनाक्रम ने फार्मा सेक्टर में गुणवत्ता नियंत्रण और प्रभावी निरीक्षण व्यवस्था की आवश्यकता को फिर से रेखांकित किया है।