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हिमाचल: स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से 45 डॉक्टरों को मिली बांड से छूट, हाईकोर्ट ने जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई के निर्देश दिए

  • पीजी पूरी कर चुके 45 डॉक्टरों को राज्य सेवा का दो साल का बांड निभाने से मिली छूट
  • पोस्टिंग आदेश समय पर न जारी करने पर क्लॉज 6.8.2 के तहत डॉक्टरों को छूट मिली
  • हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य मंत्री को जिम्मेदार अफसरों पर कार्रवाई के निर्देश दिए

हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और अधिकारियों के उदासीन रवैये के चलते राज्य सरकार को एक बड़ा झटका लगा है। पोस्ट ग्रेजुएट (PG) कोर्स राज्य खर्च पर पूरा करने वाले 45 डॉक्टरों को राज्य सेवा में दो वर्ष की अनिवार्य सेवा से छूट मिल गई है, क्योंकि विभाग निर्धारित समय में नियुक्ति आदेश जारी करने में विफल रहा।

PG/Super Speciality Policy दिनांक 27.02.2019 की क्लॉज 6.8.2 के तहत, यदि सरकार या संबंधित अधिकारी परीक्षा परिणाम घोषित होने के एक महीने के भीतर पोस्टिंग आदेश जारी नहीं करते, तो ऐसे डायरेक्ट कैंडिडेट्स बांड की शर्तों से मुक्त माने जाएंगे।

कोर्ट ने पाया कि 45 डॉक्टरों के मामले में विभागीय अधिकारियों की लापरवाही और ढिलाई के कारण पोस्टिंग आदेश समय पर जारी नहीं हो सके, जिससे उन्हें कानूनी रूप से बांड से मुक्त होना पड़ा।

इस गंभीर प्रशासनिक चूक को लेकर हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के स्वास्थ्य मंत्री को निर्देश दिया है कि वह जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही सुनिश्चित करें ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाही दोबारा न हो।

यह मामला न केवल स्वास्थ्य सेवाओं में मानवीय संसाधनों की कमी को बढ़ा सकता है, बल्कि यह सरकारी धन और नीतिगत उद्देश्यों की विफलता को भी उजागर करता है। राज्य सरकार द्वारा खर्च किए गए लाखों रुपये व्यर्थ हो सकते हैं, यदि इन डॉक्टरों से अपेक्षित सेवा न ली जाए।