आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जिला शिमला द्वारा देश की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले महान आदिवासी नेता, जननायक और झारखंड में अपने क्रांतिकारी चिंतन से आदिवासी समाज की दशा एवं दिशा बदलकर नवीन समाजिक युग का सूत्रपात करने वाले भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के उपलक्ष्य पर उपायुक्त कार्यालय शिमला के बाहर पुष्पांजलि कार्यक्रम का आयोजन कर विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने भगवान बिरसा मुंडा को याद करते हुए पुष्प अर्पित किए। जिसमें शिमला की प्रबुद्ध जनता और दूर दराज के क्षेत्रों से शिमला घूमने आए सैलानियों ने भी पुष्प अर्पित कर उन्हें याद किया।
सेवार्थ विधार्थी जिला संयोजक नीतेश ने जानकारी देते हुए कहा कि झारखंड के छोटा नागपुर स्थित उलीहातु गांव में 15 नवम्बर , 1875 कोजन्मेंबिरसा मुंडा को जनजातीय समाज सहित संपूर्ण देश ने अपना भगवान माना है। बचपन से कुशाग्र बुद्धि के धनी बिरसा ने ईसाई षड्यंत्रों , सामाजिक कुरीतियों आदि को अपने तर्कों से पटखनी दी और जमकर प्रतिकार किया।
वहीं , ब्रिटिश सरकार से अपने जंगलों को बचाने लिये वनवासियों को एकजूट किया। बिरसा को ईश्वर में अथाह विश्वास था। आज भी बिरसा के प्रति वनवासियों में श्रद्धा – भक्ति कूट – कूटकर भरा है। उसी कड़ी में आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद भगवान बिरसा मुंडा जी के जीवनी और उनके विचारों को ज़न-ज़न तक पहुचाने के हर वर्ष कुछ ना कुछ कार्यक्रम करते हैं लकिन इस वर्ष कोरोना महामारी के चलते ज्यादा लोगों को एकत्र ना करते हुए पुष्पांजलि कार्यक्रम का ही आयोजन किया। हम सभी को उनके विचारों को अवश्य एक बारी पड़ना चाहिए और उनके विचारों को अपने जीवन में अपना चाहिए।