<p>पांवटा साहिब 3 राज्यों के साथ सटी है। लिहाजा यह शहर काफी संवेदनशील माना जाता है। लेकिन यहां के सिविल अस्पताल की हालत बहुत ही खस्ता है, जिस कारण यहां पर मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।</p>
<p>यहां अस्पताल में बिजली न होने की सूरत में दुर्घटना में घायलों का इलाज मोबाइल की टॉर्च की रोशनी से किए जाने का मामला सामने आया है। अक्सर यह अस्पताल विवादों में रहता है, लेकिन इस बार इस तरह का पहला मामला इस अस्पताल में सामने आया है। इस मामले ने यहां सरकारी सुविधाओं की पोल खोल कर रख दी है। मामला मंगलवार शाम उस वक्त सामने आया जब कफोटा में कार दुर्घटना में घायलों को इलाज के लिए पांवटा साहिब के सिविल अस्पताल में लाया गया।</p>
<p>बर्फबारी में एक कार स्किट होने के कारण दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। इसके बाद 3 घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया, जिसमें से एक घायल तपेंद्र को गंभीर चोटें आई थी। अस्पताल में बिजली न होने की वजह से मोबाइल की टॉर्च की रोशनी में घायल को प्राथमिक इलाज दिया गया। हैरान करने वाली बात तो यह थी कि इस बीच जनरेटर भी स्टार्ट नहीं हुआ। यहां जनरेटर तो लगा है, लेकिन समय पर वह भी काम नहीं आया। यही नहीं इस बीच एक अन्य व्यक्ति को भी घायल अवस्था में अस्पताल लाया गया, जिसकी टांग से काफी खून बह रहा था। उसे भी मोबाइल टॉर्च के सहारे प्राथमिक उपचार दिया गया।</p>
<p>उधर इस मामले में अस्पताल के इंचार्ज का कार्यभार देख रहे डॉ. अमिताभ जैन ने कहा कि अस्पताल की बिजली में कोई फॉल्ट आने के कारण ये समस्या आई है। बिजली विभाग को तुरंत शिकायत कर दी गई थी, जिसके बाद कर्मियों ने आकर बिजली व्यवस्था बहाल कर दी। उन्होंने माना कि करीब आधा घंटा अस्पताल से बिजली गुल रही। उन्होंने कहा कि जनरेटर वर्किंग कंडीशन में है, लेकिन कोई तकनीकी खराबी होने की वजह से वह स्टार्ट नहीं हो पाया।</p>
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