प्रदेश अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति ने आज महिलाओं के देशव्यापी आवाहन पर शिमला, कुल्लू, मंडी, सिरमौर और सोलन में महिलाओं के मुद्दों को लेकर प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि लॉकडाउन के दौरान भारत सरकार और प्रदेश की सरकार ने अपने एजेंडे को पास कर दिया है। सरकार ने देश में राशन वितरण प्रणाली को तहस नहस किया है। इस तालाबंदी के दौरान एपीएल के राशन में कटौती कर दी है और दामो में बढ़ोतरी कर दी है जिससे जो एपीएल का परिवार है उसे अपना जीवन यापन करने में बहुत ज्यादा दिक्कत आ रही है।
उन्होंने कहा कि मनरेगा को सरकार अभी पूरी तरह से लागू नहीं कर पाई है। इसके चलते गरीबों को अपने परिवार का पालन-पोषण करना मुश्किल हो गया है। सरकार इसे तुरंत लागू करें। लॉकडाउन के दौरान महिलाओं के ऊपर घरेलू हिंसा बहुत ज्यादा बढी है। सरकार इसमें तुरंत हस्ताक्षेप कर पीड़ित महिलाओं को संरक्षण दे। साथ ही देश और प्रदेश में जितने भी रेगुलर रोगी हैं उनका नियमित इलाज होना चाहिए। जबकि प्रदेश में यह देखा गया है कि जो नियमित रोगी है उनका भी इलाज नहीं ही रहा है। शिमला के एकमात्र शिशु एवं मातृ अस्पताल में डॉक्टरों के न होने के कारण गर्भवती महिलाओं को बहुत ही ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति ने सरकार से निवेदन किया है कि सरकार रोगियों और गर्भवती महिलाओं को इलाज देना सुनिश्चित करे। ताकि उनको परेशनियों का सामना न करना पड़े। प्रदेश में नियामित ओपीडी ना चलने के कारण कई लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है। इस लॉकडाउन में कामकाजी महिलाओं को भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। देश और प्रदेश में महिलाओं को गर्भनिरोधक की कमी होने के कारण अनवांछित गर्भ का सामना करना पड़ा है। सरकार को यह सामग्री भी मुफ्त में देनी चाहिए।