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जोगिंदरनगर की अलीशा ने कजाकिस्तान में रचा स्वर्णिम इतिहास

➤ जोगिंदरनगर की अलीशा कटोच ने कजाकिस्तान में जीते 6 गोल्ड मेडल
➤ भारत की नंबर-1 और विश्व की 20वीं महिला पैराग्लाइडिंग पायलट बनीं
➤ गांव त्रामट में जश्न का माहौल, परिवार और प्रदेश में खुशी की लहर



जोगिंदरनगर (मंडी) की बेटी अलीशा कटोच ने अंतरराष्ट्रीय पैराग्लाइडिंग प्रतियोगिता में स्वर्णिम इतिहास रचते हुए भारत का नाम दुनिया भर में रोशन किया है। ग्राम पंचायत एहजु के त्रामट गांव से ताल्लुक रखने वाली 21 वर्षीय अलीशा ने कजाकिस्तान में आयोजित प्रतियोगिता में भाग लेते हुए 6 गोल्ड, 5 सिल्वर, 3 ब्रॉन्ज और 3 ट्रॉफियां अपने नाम कीं। उनके बेहतरीन प्रदर्शन के चलते 6 बार विदेशी धरती पर भारत का राष्ट्रगान गूंजा, जिसने सबका सिर गर्व से ऊंचा कर दिया।

अलीशा ने महज 16 साल की उम्र में अपने जेब खर्च से पहली बार पैराग्लाइडिंग की थी, बिना परिवार को बताए। शुरुआती दौर में आर्थिक तंगी और समाज से अपेक्षित सहयोग न मिलने के कारण उन्हें पैराग्लाइडिंग छोड़कर सरकारी सेवा में जाना पड़ा, लेकिन सपनों ने उन्हें चैन से बैठने नहीं दिया।

2022 में मशहूर पायलट विजय सोनी ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और उन्हें प्रशिक्षण देने का प्रस्ताव दिया। 2023 में पहली प्रतियोगिता में भाग लेने के बाद अलीशा ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। तब से वह कामशेत स्थित ऑरेंजलाइफ पैराग्लाइडिंग स्कूल में निरंतर प्रशिक्षण ले रही हैं।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफलता के बाद अलीशा भारत की शीर्ष महिला पायलट बन चुकी हैं। आज उनका नाम देश में नंबर-1 और विश्व में 20वें स्थान पर दर्ज है। यह उपलब्धि हासिल करने वाली वह भारत की पहली महिला हैं।

अलीशा का कहना है, “मेरी सफलता मेरे कोच विजय सर की देन है। उनके बिना यह सब संभव नहीं होता।” उन्होंने यह साबित किया कि अगर जुनून हो तो कोई भी सपना बड़ा नहीं होता।

उनकी जीत पर गांव, परिवार, और पूरे प्रदेश में खुशी की लहर है। स्थानीय लोग उन्हें बेटियों के लिए रोल मॉडल मान रहे हैं। अलीशा की उड़ान अब भारत को पैराग्लाइडिंग के वैश्विक नक्शे पर सशक्त उपस्थिति दिला रही है।