मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और हेल्परों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शुक्रवार को प्रदेश भर की 30 हाजर से अधिक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और हेल्पर केंद्रों को बंद कर सीटू के बैनर तले सड़कों पर उतरीं और सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने सरकार को चेताया कि अगर आईसीडीएस का निजीकरण किया गया और आंगनबाड़ी वर्करज़ को नियमित कर्मचारी घोषित न किया गया तो आंदोलन और तेज़ किया जाएगा।
आंगनबाड़ी वर्कर्स एवं हेल्पर संघ ने सरकार से मांग की है कि प्री प्राइमरी कक्षाओं और नई शिक्षा नीति के तहत छोटे बच्चों को पढ़ाने का जिम्मा आंगनबाड़ी वर्करज़ को दिया जाए क्योंकि वे काफी प्रशिक्षित कर्मी हैं। इसकी एवज़ में उनका वेतन बढाया जाए और उन्हें नियमित किया जाए। उन्होंने चेताया है कि अगर आंगनबाड़ी कर्मियों की प्री प्राइमरी में सौ प्रतिशत नियुक्ति न हुई तो यूनियन अनिश्चितकालीन आंदोलन का रास्ता अपनाएगी।
बता दें कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और हेल्पर लंबे समय से अपनी मांगे सरकार के सामने रखती आई हैं लेकिन अभी तक सरकार ने उनकी मांगों को नहीं माना। इनकी मांग है कि आंगनबाड़ी कर्मियों को प्री प्राइमरी में सौ फीसदी नियुक्ति दी जाए। नियुक्ति में 45 साल की आयु सीमा की शर्त को खत्म किया जाए। वहीं, सुपरवाइजर की नियुक्ति के लिए देश के किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय की ड्रिग्री को मान्य किया जाए। सभी कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए।