पी. चंद। नगर निगम शिमला का चुनाव सिर पर आते ही सियासत भी गरमाने लगी है। आलम ये है कि मुख्य दल एक दूसरे एक ऊपर हमलावर हो गए हैं और आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस, सीपीआईएम और AAP भाजपा पर जोरदार हमले बोल रहे हैं, जबकि भाजपा शिमला शहर में सुस्त पड़े कामों को गति देने में जुट गई है।
क्योंकि शिमला में सीपीआईएम का भी वोट बैंक है और निगम पर मेयर डिप्टी मेयर सीपीआईएम के रह चुके हैं। तो ऐसे में सीपीआईएम ने भी नगर निगम चुनावों को लेकर कमर कस ली है। शिमला के महापौर रहे संजय चौहान ने कहा कि नगर निगम चुनावों के समय सरकार को शिमला की याद आई है। स्मार्ट सिटी का पैसा ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए दिया जा रहा है। पांच साल में स्मार्ट सिटी का अभी तक 9 फ़ीसदी पैसा ही ख़र्च हो पाया है। जबकि अब जेएनयू की तर्ज़ पर पैसा लैप्स होने की कगार पर है।
संजय चौहान ने नगर निगम के पुनर्सीमांकन पर भी सवाल खड़ा किए और इसे भाजपा की हार के डर का नतीज़ा बताया। उन्होंने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाया कि जिन योजनाओं का पहले ही शिलान्यास हो चुका है उनका दोबारा से शिलान्यास किया जा रहा है। नगर निगम शिमला और सरकार की पेयजल जैसी मूलभूत सेवाओं की आपूर्ति में विफलता व मनमाने दामों से तंग जनता चुनावों में भाजपा को जवाब देगी।
मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने केलांग में निर्वाचन प्रक्रिया को लेकर की गई व्यवस्थाओं का…
सम्मान के नहीं, ब्रीफ़केस में रखे सामान के भूखे थे दागीः मुख्यमंत्री आनंद शर्मा का…
नर्सिंग डे पर फोर्टिस कांगड़ा में धमाल प्रथम महिला नर्स फ्लोरैंस नाइटिंगेल को किया याद…
अच्छी पहलः सराज के बागीचुनोगी के कचरे से पुणे में बनेगा जरूरत का सामान, प्रधानाचार्य…
'मां' की एक दुआ जिन्दगी बना देगी, खुद रोएगी मगर तुम्हें हंसा देगी, कभी भूल…
कांगड़ा घाटी में रेल सुविधा शुरू होने से लोगों में खुशी की लहर. पठानकोट-जोगिंद्रनगर रेलवे…