मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य स्तरीय गोष्ठी (फोरम) के दूसरे चरण के दौरान प्रदेश में 7828 करोड़ रुपए की 26 लम्बित परियोजनाओं की कार्यान्वयन प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए पर्यटन, जल विद्युत तथा औद्योगिक क्षेत्रों के हितधारकों के साथ पिछले कल चर्चा की.
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रत्येक परियोजना का स्वयं जायजा लिया तथा इनके विलम्ब के कारणों की जानकारी प्राप्त की. मुख्यमंत्री ने इस गोष्ठी के प्रथम चरण में 8468 करोड़ रुपए की 29 लम्बित परियोनाओं के लिए निवेशकों से चर्चा की थी, प्रदेश में अटकी पड़ी 16297 करोड़ रुपए की कुल 55 परियोजनाओं से 20 हजार से अधिक लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे.
उद्योग स्थापित करने में विलम्ब पर चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने निवेशकों को आश्वस्त किया कि प्रदेश सरकार राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिए हरसम्भव प्रयास कर रही है तथा परियोजनाओं की स्थापना में आने वाली अड़चनों को दूर करने पर कार्य किया जा रहा है.
निवेशकों को सरकारी कार्यालयों के अनावश्यक चक्कर काटने से बचाने के लिए सरकार निवेश नीति में संशोधन कर रही है. निवेशकों को बेझिझक अपनी समस्याएं प्रदेश सरकार के साथ साझा करने का आग्रह किया तथा इनके समाधान का आश्वासन भी दिया. सरकार निवेश को नई दिशा देने पर विशेष बल दे रही है. जिसमें जल विद्युत, पर्यटन तथा सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र भी शामिल हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार पर्यटन विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान कर रही है तथा कांगड़ा जिला प्रदेश की पर्यटन राजधानी बनेगी. सरकार स्वयं पर्यटन क्षेत्र में महत्वपूर्ण निवेश करेगी.
कांगड़ा हवाई अड्डे का विस्तार तथा सभी ज़िला मुख्यालयों में हेलीपोर्ट का निर्माण चरणबद्ध ढंग से किया जा रहा है. इसके अतिरिक्त सरकार प्रदेश में चिकित्सा उपचार के इच्छुक आगंतुकों को आकर्षित करने के लिए स्वास्थ्य पर्यटन को बढ़ावा दे रही है.
प्रदेश सरकार राज्य से बाहर सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में कार्य कर रहे प्रदेश के युवाओं के लिए राज्य में ही रोजगार व स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने तथा राज्य में सूचना प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है. ज़िला कांगड़ा के पालमपुर में सूचना प्रौद्योगिकी पार्क स्थापित करने के लिए भूमि चिन्ह्ति की गई है.
प्रदेश की आर्थिकी में जल विद्युत क्षेत्र के महत्वपूर्ण योगदान को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने राज्य की आर्थिकी को सुदृढ़ करने के लिए जल उपकर अधिनियम पारित किया है.
इसके अतिरिक्त प्रदेश में ऊर्जा परियोजनाओं के निर्माताओं की सुविधा के लिए खुली जल विद्युत नीति लाने पर कार्य किया जा रहा है. सरकार जल विद्युत परियोजनाओं को आर्थिक रूप से सफल बनाने तथा उनके निर्माण में आने वाली अड़चनों को दूर करने के लिए हरसम्भव सहयोग प्रदान करेगी.