मानसून का कहर इस बार पुलों पर बुरी तरह से टूट रहा है। रविवार तड़के जिल के बल्ह विधानसभा क्षेत्र की अप्पर वैली की लुहाखर पंचायत में बादल फटने से बड़ी तबाही हुई है। बादल फटने से आई बाढ़ में कपाही से झोर होकर लुआखर जाने वाली सड़क का झोर पुल बह गया।
इस कारण से पूरी पंचायत का ही जिले व उपमंडल से संपर्क कट गया है। एपीएमसी जिला मंडी के अध्यक्ष संजीव गुलेरिया भी नुकसान का जायजा लेने के लिए रविवार को लुआखर पहुंचे।
उन्होंने बताया कि भारी बारिश के चलते यह पुल बह गया है। यह पुल कुछ साल पहले ही बना था मगर भारी बाढ़ आने से यह बह गया। उनके अनुसार अधिशाषी अभियंता ने भी मौका किया है और यह भी भरोसा दिलाया है कि किसी भी तरह 15 दिनों के अंदर यहां पर एक वैली पुल तैयार करके संपर्क को बहाल कर दिया जाएगा।
आने जाने के लिए एक संपर्क मार्ग एक दो दिन में तैयार हो जाएगा। इस पुल के बह जाने से अब स्कूली बच्चों, रोजाना काम पर जाने वाले कर्मचारियों व अन्य लोगों के साथ सभी तरह की परिवहन सेवाएं यहां के लिए बाधित हो गई हैं। भारी बारिश के चलते लेदा से सुंदरनगर की सड़क भी बंद हो गई है.
नेरचौक को जोड़ने वाली सड़क भी बाधित है। लेदा से जनलग सड़क को भी नुकसान हुआ है। पीएचसी लेदा के सामने भी पहाड़ीह खिसकने से भवन का प्रांगण खतरे में है। एक निजी स्कूल एमजेसीएम में भी पानी घुस गया है। गौरतलब है कि इस समय चल रही मानसून में अकेले मंडी जिले में ही एक दर्जन पुल अब तक बह चुके हैं जबकि पूरे प्रदेश में यह तादाद तीन दर्जन से अधिक है।
अभी तक मंडी जिले में बहे किसी भी टूटे पुल पर वैकल्पिक व्यवस्था नहीं हो पाई है। मंडी शहर में पंचबख्तर मंदिर के पास सुकेती पुल, व्यास पर कोटली व जोगिंदरनगर उपमंडलों को जोड़ने वाला कुन का तर पुल, सात मील में बडाणू पुल, पंडोह में 100 साल पुराना लाल पुल, दवाड़ा में बना पुल प्रमुख हैं जो 9 व 10 जुलाई को हुई बरसात में बह चुके हैं।
कुल्लू जिले में ब्यास नदी पर कई पुल बह गए हैं जिससे कई गांवों का संपर्क अभी कटा हुआ है। बरसात का यह कहर अभी भी बदस्तूर जारी है।