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मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू परिवार सहित प्रयागराज पहुंचे, संगम में किया पवित्र स्नान।
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सुक्खू बोले – “महाकुंभ हमारी संस्कृति का परिचायक, आस्था का स्तंभ।”
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नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने किया कटाक्ष – “अब याद आई प्रयागराज यात्रा, मालदीव से ज्यादा जरूरी था महाकुंभ।”
Blog:अखिलेश महाजन
Political Debate Over Religion: हिमाचल की राजनीति में इन दिनों आस्था भी सियासी तकरार का मुद्दा बन गई है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने प्रयागराज में संगम में स्नान कर अपनी धार्मिक आस्था का प्रदर्शन किया, लेकिन यह स्नान विपक्ष को रास नहीं आया। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने इस पर चुटकी लेते हुए कहा, “144 साल बाद आया यह पवित्र संयोग पूरी दुनिया को प्रयागराज खींच लाया, लेकिन हमारे मुख्यमंत्री साहब को अब जाकर याद आया। शायद किसी ने सही मार्गदर्शन कर दिया, तभी मालदीव से गंगा तक का रास्ता मिला!”। यह अच्छा है। मालदीव की लहरों से समय निकालकर आखिरकार गंगा की गोद में आए , लेकिन कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के बाकी नेताओं की श्रद्धा अभी भी संदेह के घेरे में है।”
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू अपने परिवार के साथ प्रयागराज पहुंचे, जहां उन्होंने महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाई। संगम में स्नान करने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुंभ भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक परंपरा का प्रतीक है। उन्होंने कहा, “हमें परिवार सहित इस पवित्र अवसर का हिस्सा बनने का सौभाग्य मिला, जिससे हम बेहद आनंदित हैं।”
पत्रकारों के सवाल पर कि महाकुंभ की वैश्विक चर्चा क्यों हो रही है, मुख्यमंत्री ने जवाब दिया कि हिंदुस्तान की संस्कृति और हिंदुत्व सदियों से विख्यात हैं। उन्होंने कहा, “अगर इतिहास के पन्ने पलटकर देखोगे तो जानोगे कि हमारी संस्कृति और संस्कार पहले से ही प्रसिद्ध हैं।”
हालांकि, मुख्यमंत्री के इस धार्मिक दौरे पर विपक्ष ने तंज कसने में देरी नहीं की। हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सीएम सुक्खू की प्रयागराज यात्रा को लेकर कटाक्ष किया। जयराम ठाकुर ने कहा, “जहां पूरी दुनिया महाकुंभ के पवित्र स्नान के लिए प्रयागराज पहुंच रही है, वहां सुक्खू साहब को अब जाकर इसकी याद आई है।”
उन्होंने यह भी कहा कि यह शुभ संयोग 144 वर्षों के बाद आया है, लेकिन मुख्यमंत्री को इससे अधिक मालदीव की यात्रा जरूरी लगी। जयराम ठाकुर ने कहा, “अब शायद किसी ने उनका मार्गदर्शन किया होगा, जिसके बाद वे स्नान करने पहुंचे हैं। यह अच्छी बात है, लेकिन कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के कई नेताओं ने प्रयागराज से दूरी बनाए रखी। कुछ ने आस्था, कुछ ने श्रद्धा और कुछ ने मजबूरी में डुबकी लगाई। सीएम साहब भी देर आए, लेकिन दुरुस्त आए।”