मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज नई दिल्ली में इंडिया टुडे ग्रुप द्वारा आयोजित ‘एजेंडा आज तक-2023’ कार्यक्रम में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि अगले वर्ष के लिए सरकार का मुख्य एजेंडा हिमाचल को भारत की पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित करना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक आपदा से हुई तबाही के बाद युद्ध स्तर पर बहाली का काम किया गया और हिमाचल प्रदेश सर्दियों के मौसम में पर्यटकों के स्वागत के लिए तैयार है। उन्होंने देश-विदेश के पर्यटकों को हिमाचल आने और इसके प्राकृतिक साैंदर्य का आनंद लेने के लिए आमंत्रित किया।
मुख्यमंत्री ने राज्य के लोगों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता और राज्य सरकार के प्रमुख निर्णयों और नीतियों के बारे में भी विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद उनका पहला काम राज्य की वित्तीय स्थिति को सुधारना था। उन्होंने कहा कि उचित वित्तीय प्रबंधन सुनिश्चित करने के प्रयास किए गए हैं और राज्य की वित्तीय स्थिति में सुधार करते हुए जल्द ही इसमें सकारात्मक बदलाव देखा जाएगा। उन्होंने दस वर्षों के भीतर हिमाचल को देश का सबसे समृद्ध राज्य बनाने की परिकल्पना को साकार करने की प्रतिबद्धता भी दोहराई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने अपने पहले साल में तीन गारंटियां पूरी की हैं और बाकी गारंटियां आगामी चार सालों में चरणबद्ध तरीके से पूरी की जाएंगी। पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) मानवीय आधार पर लागू की गई, ताकि कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के बाद का जीवन सुरक्षित हो सके।
680 करोड़ रुपये की राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट-अप योजना के पहले चरण में ई-टैक्सी योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत, राज्य सरकार युवाओं को ई-टैक्सी की खरीद पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी प्रदान कर रही है जिससे राज्य में हरित ऊर्जा को बढ़ावा मिलेगा तथा उनको एक निश्चित आय भी सुनिश्चित होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए अगले सत्र से सभी सरकारी संस्थानों में अंग्रेजी माध्यम शुरू किया जाएगा। राज्य सरकार ने 4,000 अनाथ बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ के रूप में अपनाया है तथा उनके कल्याण के लिए देश में पहली बार कानूनन हक देते हुए मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना शुरू की जिसके तहत, राज्य सरकार इन बच्चों की 27 वर्ष की आयु पूरी होने तक उनकी देखभाल और उच्च शिक्षा के लिए उचित सहायता प्रदान कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लाहौल-स्पीति जिला की 18 वर्ष से अधिक आयु की सभी महिलाओं को जनवरी, 2024 से 1500 रुपये प्रदान किए जाएंगे। प्रदेश की सभी महिलाओं से किया गया वादा भी चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा। अगले वित्तीय वर्ष से विधवा महिलाओं के बच्चों की उच्च शिक्षा का खर्च भी राज्य सरकार वहन करेगी।
उन्होंने कहा कि राज्य ने इस मानसून के दौरान सबसे भयंकर प्राकृतिक आपदा का सामना किया। राज्य ने अपने सीमित संसाधनों के बावजूद 4,500 करोड़ रुपये के विशेष पैकेज की घोषणा की है ताकि प्रभावित लोगों को पर्याप्त सहायता मिल सके। उन्होंने कहा कि दूरदराज के इलाकों में फंसे पर्यटकों को सुरक्षित निकाला गया, सड़कों और पुलों को भी युद्ध स्तर पर बहाल किया गया।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, आवासीय आयुक्त मीरा मोहंती और मुख्यमंत्री के ओएसडी के.एस. बांशटू भी उपस्थित थे।
Himachal building map approval fees: हिमाचल प्रदेश में अब मकान या व्यावसायिक भवन निर्माण और…
Himachal snowfall forecast: हिमाचल प्रदेश में आज वेस्टर्न डिस्टरबेंस (WD) के सक्रिय होने का पूर्वानुमान…
Rohru road accident: शिमला जिले के रोहड़ू में बीती शाम को एक दर्दनाक सड़क हादसा…
Vivah Muhurat 2025: हिंदू धर्म में शुभ मुहूर्त के बिना किसी भी शुभ कार्य की…
Daily horoscope 2024 : चंद्रमा की गणना और सटीक खगोलीय विश्लेषण के आधार पर शनिवार का…
Dhrobia village Development: कांगड़ा विधानसभा क्षेत्र के चंगर क्षेत्र में विकास की एक नई कहानी…